Saturday - 13 January 2024 - 10:25 AM

सीएएल ने क्यों की सात खिलाड़ियों पर बड़ी कार्रवाई, देखें-पूरी रिपोर्ट

  • सीएएल ने सात खिलाड़ियों पर की कार्रवाई
  • दो खिलाड़ियों को छह महीने तक किया गया निलंबित
  • पांच अन्य खिलाड़ियों पर 50-50 हजार रुपये जुर्माना
  • जुर्माना न जमा कर पाने की स्थित में ये खिलाड़ी भी होंगे निलंबित

जुबिली स्पेशल डेस्क

लखनऊ। क्रिकेट को वैसे तो जेंटलमैन गेम कहा जाता है लेकिन हाल के दिनों में कुछ लोगों ने इसकी गरिमा को तार-तार कर दिया है।

दरअसल राजधानी लखनऊ में चल रहे क्रिकेट टूर्नामेंट में मारपीट की घटना लगातार देखने को मिल रही है। यहाँ तक की कई खिलाड़ियों के बीच हाथापाई तक की नौबत आ गई है।

अब इसकी रोकथाम के लिए क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ लखनऊ (सीएएल) ने सख्त उठाते हुए हाल ही में क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ लखनऊ (सीएएल) ने एक समिति गठित की थी जिसने हाल ही में हुई घटना सहित कुल 3 मैच में हुई मारपीट की घटना की पड़ताल की थी।

इसकी रिपोर्ट के आधार पर सीएएल ने कड़ा कदम उठाते हुए दोषी खिलाड़ियों के ऊपर जुर्माना लगाया है और जुर्माना न देने पर खिलाड़ियों के जुर्माना न भरने की दशा में 6 माह के लिए किसी के लिए किसी भी प्रतियोगिता एवं चयन प्रक्रिया में भाग लेने से निलम्बित कर दिया जायेगा. वही कुछ खिलाड़ियों के खिलाफ सिर्फ निलंबन की कार्यवाही की गयी है।

सीएएल सचिव केएम खान ने कहा कि इन घटनाओं में लिप्त कई खिलाड़ी बोर्ड ट्रॉफी में खेल चुके है अत: उनके भविष्य को ध्यान में रखते हुए इनके खिलाफ फिलहाल जुर्माना या निलंबन की कार्यवाही की गयी है।

इसके साथ ही ये चेतावनी दी गयी है कि भविष्य में इस तरह की घटना दोबारा घटित होने पर और भी गम्भीर दण्ड दिया जा सकता है।

रिपोर्ट के अनुसार क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ लखनऊ (सीएएल) द्वारा गठित अनुशासन समिति में अध्यक्ष अभिजीत सिन्हा सहित राकेश सिंह और नईम चिश्ती शामिल थे। इस समिति की गत 11 फरवरी को हुई बैठक में तीन मैचों में हुई मारपीट की गहन जांच की है।

कमेटी ने पिछले तीनों मैचों में खिलाड़ियों द्वारा किये गए उपद्रव की गंभीरता से जांच की और जांच में अम्पायरों की रिपोर्ट और वीडियो रिकॉर्डिंग की भी सहारा लिया. और इसकी रिपोर्ट क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ लखनऊ (सीएएल) को सौंप दी थी ।

इसके बाद क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ लखनऊ (सीएएल) ने बड़ा कदम उठाया । इस बारे में क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ लखनऊ (सीएएल)के सचिव केएम खान ने बताया कि पिछले दिनों क्रिकेट एसोसिएशन द्वारा कराई गई प्रतियोगिताओं में खेल मैदान पर हुए उपद्रव में अनुशासन समिति ने निम्नलिखित निर्णय लिए:

बीबीडी सी डिवीज़न के पिछले साल 10 दिसंबर को आलमनगर क्लब और ओम स्पोर्टिंग के बीच हुए लीग मैच में ओम स्पोर्टिंग के कप्तान ओम कश्यप द्वारा किया गया दुर्व्यवहार खेल के नियमों के विरुद्ध है। इसके चलते ओम कश्यप को 6 माह के लिए किसी भी प्रतियोगिता एवं चयन प्रक्रिया में भाग लेने के लिए निलम्बित किया गया है। इसके साथ ही ओम कश्यप की टीम को लिखित रूप में एक माफीनामा एसोसिएशन को देना होगा कि भविष्य में इस तरह का व्यवहार हमारी टीम या खिलाड़ी द्वारा नहीं किया जायेगा।

गत 17 जनवरी को एस वाई इन्फ्रास्ट्रक्चर व इकाना रेंजर्स के बीच एसकेटी मैदान पर एक मैच खेला गया था। इसमें अजय सिंह के आउट होने पर विरोधी टीम के खिलाड़ियों के कमेंट के बाद अजय सिंह ने गाली-गलौज की जिस पर अभिषेक मिश्र ने उन्हें थप्पड़ मार दिया। इसके बाद अजय सिंह ने कुछ बाहरी लोगों को बुलाकर अभिषेक की पिटाई करवा दी।

समिति ने पूरे प्रकरण की जाँच गम्भीरता पूर्वक की और यह निर्णय लिया कि अजय सिंह एक बोर्ड के खिलाड़ी हैं और उनके भविष्य को देखते हुए उन पर 50 हज़ार रुपए का आर्थिक दण्ड लगाया गया है।

आर्थिक दंड जमा न करने पर 6 माह के लिए किसी भी प्रतियोगिता एवं चयन प्रक्रिया में भाग लेने से निलम्बित किया जाता है।

इसके साथ में एक चेतावनी भी दी गई है कि भविष्य में इस तरह की घटना दोबारा घटित न हो नहीं तो और भी गम्भीर दण्ड दिया जा सकता है। वही अभिषेक मिश्रा का भी अपराध गंभीर है इसलिए उनको 6 माह के लिए किसी भी प्रतियोगिता एवं चयन प्रक्रिया में भाग लेने से निलम्बित किया जाता है।

इसके अलावा गत 6 फरवारी को सेंट्रल क्रिकेट क्लब और इंटरनेशनल स्पोर्ट्स के बीच रास बिहारी तिवारी स्टेडियम पर फूलमति ओम प्रकाश सक्सेना मेमोरियल प्रतियोगिता के दौरान भी मारपीट की घटना हुई थी।

इस बारे में ये निर्णय लिया गया कि सेंट्रल क्लब के नमन तिवारी, प्रियांशू पाण्डेय एवं सत्यम पाण्डेय बोर्ड और अन्य ट्रॉफी खेले हुए या खेल रहे हैं जिनके द्वारा किया खेल के दौरान किया गया इस तरह का व्यवहार गम्भीरता की श्रेणी में आता है। फिर भी उनके भविष्य को ध्यान में रखते हुए समिति ने नमन तिवारी, प्रियांशू पाण्डेय एवं सत्यम पाण्डेय पर 50 -50 हज़ार रुपए आर्थिक दण्ड लगाया है। दण्ड न देने पर 6 माह के लिए किसी भी प्रतियोगिता एवं चयन प्रक्रिया में भाग लेने से निलम्बित किया जाता है।

इसके साथ ही साथ एक चेतावनी भी दी गई है कि भविष्य में इस तरह का व्यवहार दोहराया गया तो इससे भी कठोर दंड दिया जा सकता है। इस पूरे प्रकरण में यश सहानी जो कि क्लब के सेक्रेटरी एवं टीम के कप्तान भी हैं और उन्हीं के द्वारा इस क्लब का संचालन भी होता है।

उनकी भूमिका बेहद निन्दनीय और मुख्य रही जिसके कारण पूरी घटना घटित हुई। इस पर समिति द्वारा यह निर्णय लिया कि यश सहानी के द्वारा किया गया अपराध बहुत ही गम्भीर है। इसलिए उन पर 50 हज़ार रुपए का आर्थिक दण्ड एवं 6 माह के लिए किसी भी प्रतियोगिता एवं चयन प्रक्रिया में भाग लेने से निलम्बित किया गया है।

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