विवेक कुमार श्रीवास्तव
सपा नेता आज़म खान अक्सर अपने घटिया और विवादास्पद बयानों को लेकर सुर्खियों में बने रहते हैं। मगर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उनके खिलाफ कार्रवाई करना तो दूर कोई हिदायत तक नहीं दी। वहीं पार्टी संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने भी इस मामले पर चुप्पी साध रखी है। आखिर क्यों आज़म के खिलाफ़ कार्रवाई करने से डरते हैं पिता और पुत्र। वजह साफ है, चुनाव के दौरान वे मुसलमानों की नाराज़गी मोल नहीं लेना चाहते।

अपने अंडरवियर वाले बयान पर आजम चौतरफा घिर चुके हैं। मगर पार्टी की तरफ से वो पूरी तरह आश्वस्त हैं कि उनके खिलाफ कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी। उन्हें बखूबी पता है कि चुनावी मौसम में पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ऐसा कोई भी खतरा मोल नहीं लेंगे जिससे एक वर्ग उनसे नाराज़ हो जाए और इसका खामियाज़ा पार्टी को भुगतना पड़े। यही वजह है कि आजम खान बिना किसी डर के उल-जलूल बयान दिया करते हैं।

2009 में कल्याण सिंह के मामले को लेकर आजम खान एक बार सपा से निकाले भी जा चुके हैं। हालांकि करीब डेढ़ साल बाद में मुलायम सिंह यादव ने उन्हें ससम्मान पार्टी में वापस बुला लिया। इस दौरान आजम ने ना तो अपनी कोई पार्टी बनाई और ना ही सपा और मुलायम के खिलाफ कोई बयान दिया। पार्टी से निकाले जाने और दोबारा शामिल होने के इस प्रकरण ने पार्टी में आजम खान का कद ज़रूर बढ़ा दिया।आजम के खिलाफ मुलायम की नरमी की एक वजह यह भी है कि अपनी तमाम राजनीतिक महात्वाकांक्षाओं के बावजूद आजम ने कभी खुद को मुलायम की हैसियत से ऊपर नहीं ले जाने की कोशिश नहीं की।

दरअसल आज़म खान खुद को भले ही मुस्लिमों का सर्वमान्य नेता साबित करना चाहते हैं मगर हकीकत में ऐसा नहीं है और इस बात को खुद आज़म खान भी समझते हैं। वो जानते हैं कि रामपुर को छोड़ दें तो प्रदेश के मुसलमानो में उनका कोई खास असर नहीं है। यही वजह है कि वो मोदी, योगी और बीजेपी को निशाने पर लेकर कोई न कोई विवादास्पद बयान देते रहते हैं ताकि वे खुद मुसलमानों के रहनुमा के तौर पर स्थापित कर सकें। मगर सच्चाई तो यह है कि कई बार तो वो खुद अपने बयानों से अपने कौम को भी शर्मिन्दा कर चुके हैं।

आजम खान के कुछ विवादित बयान
- वर्ष 2013 में केदारनाथ में आई आपदा पर बयान – “गुजरात में मुसलमानों को मरवाया गया. मगर कुछ ही सालों बाद केदारनाथ में हिन्दुओं के साथ जो हुआ वह अल्लाह का न्याय है।”
- 27 दिसंबर 2018 को तीन तलाक के मुद्दे पर बयान –“मुसलमानों के लिए कोई कानून मान्य नहीं है. मुसलमान सिर्फ कुरान मानता है. जो कुरान में कहा गया है, मुसलमान वही मानेगा. जो लोग कुरान को जानते हैं, उनको मालूम है कि तलाक की पूरी प्रक्रिया कुरान में दी हुई है।”
- वर्ष 2017 में आज़म खान ने सेना के जवानों को लेकर बयान –“कारगिल का युद्ध मुसलमान सैनिकों की वजह से जीता गया था।”
- 22 नवम्बर 2014 को मुलायम सिंह यादव का जन्मदिन पर मीडिया के सवालों पर बोले –“यह पैसा तालिबान और दाउद इब्राहिम ने भिजवाया है।”
- 5 अक्टूबर 2017 को एक जनसभा में पीएम मोदी परनिशाना – “इस देश का नौजवान नौकरी मांग रहा है. गोरखपुर की महिलाएं अपने मासूम बच्चों की मौत का हिसाब मांगती है तब बादशाह कहते है अभी रूक जाओ मुझे गुजरात के कुछ और मासूमों को अभी तेज़ाब में जलाना है।बादशाह झूठ नहीं बोलते और जो झूठ बोलता है वो बादशाह नहीं होता।”
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