
न्यूज़ डेस्क।
सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे को जान से मारने की धमकी भी मिल चुकी है ये बात अन्ना ने सीबीआई स्पेशल कोर्ट में बताई। अन्ना हजारे ने सीबीआई की एक विशेष अदालत में कहा कि उस्मानाबाद में टेरना चीनी कारखाने में भ्रष्टाचार के खिलाफ बोलने के चलते उनके नाम की सुपारी दी गई थी।
विशेष न्यायाधीश आनंद यावलकर के समक्ष कांग्रेस नेता पवन राजे निंबालकर की हत्या के मुकदमे में अभियोजन पक्ष के गवाह के रूप में हजारे ने कहा कि उन्हें मीडिया के माध्यम से मौत की धमकी के बारे में पता चलने के बाद, उन्होंने अहमदनगर के परनेर पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई थी।
साल 2006 में अपने चचेरे भाई निंबालकर की सनसनीखेज हत्या के मुख्य आरोपी पूर्व मंत्री और राकांपा नेता पदमसिंह पाटिल उस्मानाबाद स्थित चीनी कारखाने से जुड़े हुए हैं और वर्तमान में टेरना पब्लिक चैरिटी ट्रस्ट के अध्यक्ष हैं।
इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा, ‘इसकी शिकायत दर्ज कराने से पहले मैंने यह मुद्दा प्रधानमंत्री और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के सामने उठाया था। लेकिन जब वहां से कोई कार्रवाई नहीं हुई तो मैंने पद्मश्री और वृक्ष मित्र सम्मान लौटाने के बाद अनशन किया। तब सरकार ने इस मामले की जांच के लिए एक आयोग गठित किया था।’
अन्ना हजारे का यह भी कहना था, ‘पवन राजे निंबालकर की हत्या के आरोपित पदम सिंह पाटिल ने भी मुझे एक मामले में गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी थी।’
बता दें कि, अन्ना हजारे भ्रष्टाचार को लेकर अपनी मुहिम के लिए खासतौर पर पहचाने जाते हैं उन्होंने लोकपाल के लिए लंबा आंदोलन भी किया था, भ्रष्टाचार को लेकर अन्ना लंबे समय से मुहिम चलाते रहे हैं।
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