जुबिली न्यूज डेस्क
नई दिल्ली – संसद का मानसून सत्र तीसरे दिन भी विपक्ष के हंगामे की भेंट चढ़ गया। पहलगाम आतंकी हमला, ऑपरेशन सिंदूर, और बिहार का SIR विवाद जैसे अहम मुद्दों पर विपक्ष ने जोरदार बहस की मांग की, लेकिन सरकार की चुप्पी से सदन में गतिरोध बना रहा। हालांकि अब केंद्र सरकार ने ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम हमले पर चर्चा के लिए तैयार होने का संकेत दिया है।
संसद में तय हुआ शेड्यूल:
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28 जुलाई (सोमवार) – लोकसभा में बहस
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29 जुलाई (मंगलवार) – राज्यसभा में बहस
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कुल 25 घंटे चर्चा का समय (लोकसभा 16 घंटे, राज्यसभा 9 घंटे)
PM मोदी 29 जुलाई को राज्यसभा में देंगे जवाब
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 29 जुलाई को राज्यसभा में ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम हमले पर सरकार का पक्ष रखेंगे। विपक्ष लगातार यह मांग कर रहा था कि देश की सुरक्षा से जुड़े इतने बड़े ऑपरेशन पर खुद प्रधानमंत्री सदन को जानकारी दें।
क्या है ऑपरेशन सिंदूर?
22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 जवान शहीद हुए थे। इसके बाद भारतीय सेना ने बड़े पैमाने पर ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया था, जिसमें LoC के पार आतंकी ठिकानों पर कार्रवाई की गई थी। सरकार ने अब तक इसकी आधिकारिक जानकारी सार्वजनिक रूप से साझा नहीं की है, जिससे विपक्षी दलों की नाराज़गी बनी हुई है।
विदेश दौरे पर पीएम, इसलिए टली चर्चा
विपक्ष की पहली मांग थी कि चर्चा इस हफ्ते ही हो, लेकिन 23-24 जुलाई को पीएम मोदी लंदन यात्रा पर जा रहे हैं, जहां UK के PM कीर स्टार्मर के साथ मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर बातचीत होगी। विपक्ष ने मजबूरी में चर्चा को अगले सप्ताह तक टालने पर सहमति जताई।
विपक्ष के आरोप
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कांग्रेस और INDIA गठबंधन ने आरोप लगाया कि सरकार सैन्य कार्रवाई पर पारदर्शिता से बच रही है
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“मोदी जी देश की सेना के सम्मान की बात तो करते हैं, लेकिन संसद में जवाब देने से बचते हैं”, – कांग्रेस
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बिहार के SIR मुद्दे को लेकर भी विपक्ष ने सरकार पर गरीबों और प्रवासियों को टारगेट करने का आरोप लगाया
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अब सबकी नजरें 29 जुलाई पर टिकी हैं, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहली बार ऑपरेशन सिंदूर पर संसद में बोलेंगे। विपक्ष इस बहस को देश की सुरक्षा, जवाबदेही और पारदर्शिता से जोड़ रहा है। देखना यह होगा कि पीएम मोदी के जवाब से संसद का गतिरोध खत्म होता है या विवाद और गहराता है।