जुबिली न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली. विलासपुर के जिला मजिस्ट्रेट डॉ. संजय अलंग ने एक बार फिर समाज के सामने ऐसी मिसाल पेश की है जिससे समाज के हर वर्ग को प्रेरणा मिलेगी. संजय अलंग लिखने पढने वाले व्यक्ति हैं. इतिहास और संस्कृति उनका प्रिय विषय है. हाल ही में उनकी किताब को केन्द्र सरकार ने सर्वश्रेष्ठ पुस्तक के रूप में चुना है. मानव संसाधन मंत्रालय इस पुस्तक को नगद पुरस्कार से सम्मानित करने की तैयारी कर रहा है.
डॉ. संजय ने कल एक मिसाल पेश करते हुए यह साबित किया कि वह जैसे बाहर से नज़र आते हैं वैसे ही भीतर से भी हैं. वह सेन्ट्रल जेल का निरीक्षण करने गए थे. वहां उन्होंने देखा कि छह साल की एक बच्ची अपने पिता से लिपटकर रो रही है. जेलकर्मियों से उन्होंने पूछा कि यह लोग कौन हैं और यह बच्ची क्यों रो रही है.

जेलकर्मियों ने जिला मजिस्ट्रेट को बताया कि यह दोनों बाप-बेटी हैं. इस बच्ची की माँ की मौत तब हो गई थी जब यह सिर्फ 15 दिन की थी. इसके पिता को एक अपराध में दस साल की सजा हुई है. जिसमें से पांच साल यह जेल में काट भी चुका है.
इस बच्ची की देखभाल करने वाला घर में कोई नहीं है इसलिए यह जेल में अपने पिता के साथ ही रहती है.
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जिला मजिस्ट्रेट डॉ. संजय अलंग जेल से वापस जाते समय उस बच्ची को अपनी कार में बिठाकर अपने साथ ले गए. उन्होंने विलासपुर के जैन इंटरनेशनल स्कूल में उसका एडमिशन कराया. अब वह स्कूल के हास्टल में रहेगी. एक विशेष केयरटेकर उसकी देखरेख करेगा. उसकी पढ़ाई और रहन-सहन का पूरा खर्चा जिला मजिस्ट्रेट डॉ. संजय अलंग खुद उठाएंगे.
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