जुबिली स्पेशल डेस्क
देश में इस वक्त प्रचंड ठंड पड़ रही है। इस वजह से लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि बीते दो दिनों से मौसम ने काफी तेजी से करवट बदला है और मौसम में उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है।
जोरदार ठंड के बाद शाम होते-होते मौसम ने फिर अचानक से करवट ले ली और सर्दी का सितम फिर से देखने को मिल रहा है।
आने वाले दिनों में एक बार फिर मौसम का कहर देखने को मिल सकता है। दिल्ली में तो मौसम ने दो से तीन दिन पहले दो से तीन डिग्री पर जा पहुंचा था।
पहाड़ों से बर्फीली हवाएं मैदानी इलाकों में पहुंचेंगी और सर्दी को बढ़ाने को काम करेंगी। बीते 24 घंटों में प्रदेश का औसत न्यूनतम तापमान 10 डिग्री से लुढ़क कर 5 डिग्री तक पहुंच गया है।
मौसम विभाग के अनुसार शुक्रवार सुबह से प्रदेश के करीब 30 शहर घने कोहरे की जद में थे और इस वजह से यातायात प्रभावित नजर आया और जिदंगी एकदम से ठहर गई। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि आने वाले पांच दिनों तक ठंड अपने चरम पर रहेगी।

किसे कहते हैं कोल्ड डे?
मौसम विभाग के अनुसार, ‘कोल्ड डे’ उसको कहा जाता है जब न्यूनतम तापमान सामान्य से 10 डिग्री सेल्सियस से कम या उसके बराबर होता है और अधिकतम तापमान सामान्य से कम से कम 4.5 डिग्री सेल्सियस कम होता है पहाड़ी इलाकों में उसे कोल्ड डे माना जाएगा जब न्यूनतम तापमान 0 डिग्री सेल्सियस से कम या उसके बराबर हो और अधिकतम तापमान सीजन के सामान्य तापमान से 4.5 डिग्री से लेकर 6.4 डिग्री सेल्सियस नीचे हो। सीवियर कोल्ड डे को घोषित करने के लिए उस दिन का अधिकतम तापमान सामान्य तापमान से 6.5 डिग्री सेल्सियस कम दर्ज होना जरूरी है।
कोल्ड वेव कैसे मापी जाती है?
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार जब मैदानी इलाकों में न्यूनतम तापमान 4 डिग्री सेल्सियस या इससे कम होता है तो उसे कोल्ड वेव के नाम से जाना जाता है। वहीं अगर तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से कम हो और अचानक उसमें -4.5 से -6.4 डिग्री की गिरावट दर्ज की जाए तो इसे भी शीतलहर के तौर पर देखा जाता है।
 Jubilee Post | जुबिली पोस्ट News & Information Portal
Jubilee Post | जुबिली पोस्ट News & Information Portal
				
 
						
					 
						
					 
						
					 
						
					 
						
					