जुबिली स्पेशल डेस्क
नई दिल्ली। एशिया कप 2025 में 14 सितंबर को होने वाले भारत-पाकिस्तान मैच को रद्द करने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने जल्द सुनवाई से इनकार कर दिया। अदालत ने स्पष्ट कहा, “यह सिर्फ एक मैच है, इसे होने दीजिए।”
जनहित याचिका पर सुनवाई की मांग करते हुए वकील ने दलील दी थी कि इस मामले को शुक्रवार को ही सूचीबद्ध किया जाए, क्योंकि मैच रविवार को खेला जाना है। लेकिन जस्टिस जे.के. माहेश्वरी और जस्टिस विजय बिश्नोई की बेंच ने कहा कि इतनी जल्दी सुनवाई की कोई जरूरत नहीं है।
यह याचिका कानून की छात्रा उर्वशी जैन और तीन अन्य छात्रों ने संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत दायर की है। याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता स्नेहा रानी और अभिषेक वर्मा ने भारत सरकार को मैच रद्द करने का निर्देश देने की अपील की।
याचिका में कहा गया है कि हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय नागरिकों और सैनिकों ने अपने प्राणों की आहुति दी। ऐसे समय में पाकिस्तान के साथ क्रिकेट खेलना राष्ट्रीय गरिमा और जनभावना के खिलाफ है। याचिकाकर्ताओं का तर्क है कि आतंकवाद को पनाह देने वाले देश के साथ खेलों में शामिल होना शहीदों के परिवारों को पीड़ा पहुंचाता है और सशस्त्र बलों का मनोबल गिराता है।
साथ ही याचिका में राष्ट्रीय खेल शासन अधिनियम, 2025 के प्रभावी क्रियान्वयन की भी मांग की गई है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने मामले को तत्काल सूचीबद्ध करने से इनकार कर दिया है।
भारत और पाकिस्तान के बीच एशिया कप का छठा मुकाबला 14 सितंबर को दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम में खेला जाएगा।