जुबिली न्यूज डेस्क
बेंगलुरु: कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार (DK Shivakumar) ने रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) को खरीदने की अटकलों को सिरे से खारिज कर दिया है। सोशल मीडिया पर चल रही चर्चाओं को लेकर उन्होंने तीखा जवाब देते हुए कहा,“मैं पागल आदमी नहीं हूं। मुझे आरसीबी की क्या जरूरत है? मैं तो रॉयल चैलेंज भी नहीं पीता।”
क्या बोले DK शिवकुमार?
अपने बयान में डीके शिवकुमार ने साफ कहा कि वह कर्नाटक क्रिकेट एसोसिएशन के सदस्य जरूर हैं, लेकिन उनके पास इतना समय नहीं है कि किसी आईपीएल फ्रेंचाइजी के प्रबंधन का हिस्सा बनें।“मेरे पास समय नहीं है। मुझे आरसीबी की जरूरत नहीं है। मुझे प्रबंधन का प्रस्ताव जरूर मिला था, लेकिन मैंने इंकार कर दिया।”
RCB की बिक्री की अटकलें कहां से शुरू हुईं?
हाल ही में यह खबरें सामने आई थीं कि यूनाइटेड स्पिरिट्स (जो कि डियाजियो का हिस्सा है) RCB फ्रेंचाइजी को बेचने पर विचार कर रही है। इसके बाद कई नामों की चर्चा शुरू हुई, जिनमें एक नाम डीके शिवकुमार का भी था।
हालांकि, न तो यूनाइटेड स्पिरिट्स और न ही RCB की ओर से इस बारे में कोई आधिकारिक पुष्टि हुई है।
DK शिवकुमार और RCB का पुराना कनेक्शन
शिवकुमार का RCB से पुराना जुड़ाव रहा है। जब टीम ने इस बार पहली बार आईपीएल का खिताब जीता था, तब बेंगलुरु एयरपोर्ट पर उन्होंने खुद टीम का स्वागत किया था। इससे कयास लगाए जाने लगे कि शायद वह टीम को खरीदने की योजना में हैं।
लेकिन चार जून को चिन्नास्वामी स्टेडियम में हुई RCB की विक्ट्री परेड के दौरान भगदड़ मच गई, जिसमें 11 लोगों की मौत हो गई और 45 से अधिक लोग घायल हुए। इसके बाद से कांग्रेस सरकार, खासकर डीके शिवकुमार की व्यवस्थागत लापरवाही के लिए आलोचना हो रही है।
बीजेपी का हमला: “राज्य प्रायोजित हत्या”
भगदड़ के बाद बीजेपी ने कांग्रेस सरकार पर तीखा हमला बोला। बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने इस हादसे को राज्य प्रायोजित हत्या करार देते हुए कहा:”यह कोई हादसा नहीं बल्कि कांग्रेस सरकार की लापरवाही का नतीजा था। डीके शिवकुमार और मुख्यमंत्री सिद्धारमैया जिम्मेदार हैं।”
बीजेपी का आरोप है कि सरकार न तो भीड़ नियंत्रित कर पाई और न ही बाद में माफी मांगने या जिम्मेदारी लेने को तैयार हुई।
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फिलहाल RCB की बिक्री को लेकर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। डीके शिवकुमार ने इस विषय पर स्पष्ट इंकार कर अटकलों पर विराम लगाने की कोशिश की है। वहीं, बेंगलुरु भगदड़ पर राजनीतिक बयानबाज़ी और आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है।