जुबिली स्पेशल डेस्क
पटना। लालू यादव और उनके परिवार पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का शिकंजा कसता हुआ नजर आ रहा है। दरअसल शुक्रवार को लैंड फॉर जॉब स्कैम में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने लालू यादव और उनके परिवार पर बड़ी कार्रवाई की है।
स्थानीय मीडिया की माने तो बिहार और यूपी में 15 ठिकानों पर छापेमारी की गई है। स्थानीय मीडिया के हवाले से खबर है कि ये छापेमारी लालू यादव और उनके करीबियों के यहां पड़ी है।
अब इस पूरे मामले पर बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने कहा कि लालू परिवार और उनके करीबियों के ठिकानों पर चल रही रेड को लेकर कहा कि ऐसा 2017 में भी हुआ था। तब जेडीयू और आरजेडी के रास्ते अलग-अलग हो गए थे।
सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि 5 साल बाद जेडीयू और आरजेडी एक बार फिर से साथ आयी है तो देखिये फिर छापेमारी शुरू हो गयी है। उन्होंने तेजस्वी यादव को सीबीआई समन भेजे जाने को लेकर कहा कि जब हमलोग साथ आते हैं तब रेड पड़ती है. मैं इस पर क्या कह सकता हूं?

सीबीआई की टीम तेजस्वी यादव से जमीन के बदले नौकरी मामले में पूछताछ करना चाहती है. लिहाजा इसी मसले पर आगे की पूछताछ के लिए बुलाया गया है।
बता दें कि सीबीआई की एक टीम पहले लालू यादव और राबड़ी देवी से पूछताछ कर चुकी है। इतना ही नहीं बिहार सरकार में उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के दिल्ली आवास पर रेड पडऩे की खबर है। वहीं पटना में आरजेडी के पूर्व विधायक अबु दोजाना के घर पर भी छापे पड़े है।
मामला काफी पुराना है। दरअसल 14 साल पुराने लैंड फॉर जॉब स्कैम मामले में लालू यादव का नाम है। जब यूपीए सरकार में लालू यादव रेल मंत्री हुआ करते थे। लालू यादव 2004 से 2009 तक रेल मंत्री रहे थे। दावा है कि लालू यादव ने रेल मंत्री रहते हुए रेलवे में लोगों को नौकरी देने के बदले उनकी जमीन लिखवा ली थी।
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