जुबिली न्यूज डेस्क
पीएम मोदी ने 19 नवंबर को जब तीन कृषि कानूनों की वापसी का ऐलान किया था तो उस समय उन्होंने किसानों से घर जाने की अपील की थी। उन्होंने आंदोलन खत्म करने को कहा था।
वहीं आंदोलन खत्म करने को लेकर किसान नेताओं का कहना है कि उन लोगों की मांग सिर्फ कृषि बिल की वापसी नहीं थी, बल्कि एमएसपी गारंटी कानून के साथ और भी तमाम मुद्दे हैं।

किसान आंदोलन की अगुवाई कर रहे भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है कि 700 किसानों की मृत्यु भी हमारा मुद्दा है।
टिकैत ने कहा, “सरकार ने घोषणा की है तो वो प्रस्ताव ला सकते हैं लेकिन रूस्क्क और 700 किसानों की मृत्यु भी हमारा मुद्दा है। इस मामले में भी केंद्र सरकार को बात करनी चाहिए।”
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किसान नेता ने कहा कि सरकार अगर 26 जनवरी से पहले तक मान जाएगी तो हम अपना आंदोलन खत्म करके चले जाएंगे। वहीं चुनाव को लेकर टिकैत ने कहा कि चुनाव के विषय में हम चुनाव आचार संहिता लगने के बाद बताएंगे।
टिकैत ने कहा कि 26 नवंबर को आंदोलन को एक साल पूरा हो जाएगा। उस दिन हम बैठक करेंगे। उसके बाद 29 नवंबर को यहां से 500 लोग दिल्ली जाएंगे। वहीं चुनावों में बीजेपी का विरोध करने को लेकर टिकैत ने कहा कि इस बारे में चुनाव आचार संहिता लगने के बाद बताएंगे।
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उन्होंने कहा कि अभी तो केंद्र सरकार काम कर रही है, उसे काम करने दीजिए। हम बिना रूस्क्क गारंटी कानून के आंदोलन खत्म नहीं करेंगे।
वहीं शीर्ष अदालत द्वारा बनाई कमिटी के सदस्य अनिल घनवट द्वारा एमएसपी कानून का विरोध किए जाने पर राकेश टिकैत ने कहा, “उन्हें पकड़कर आगरा के पागलखाने में बंद करो। इस तरह के आदमी बाहर रहे तो झगड़ा करवा सकते हैं।”
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