जुबिली न्यूज डेस्क
भारत और पाकिस्तान के बीच एक बार फिर जल विवाद ने तूल पकड़ लिया है। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने हाल ही में एक टीवी इंटरव्यू में भारत को सीधे तौर पर धमकी देते हुए कहा है कि अगर भारत ने सिंधु नदी पर कोई बांध निर्माण किया, तो पाकिस्तान उस पर सैन्य कार्रवाई करने से पीछे नहीं हटेगा।
सिंधु जल संधि को लेकर सख्त बयान
ख्वाजा आसिफ ने दावा किया कि भारत द्वारा सिंधु नदी के पानी को रोकना भी एक तरह का हमला है। उन्होंने कहा, “आक्रामकता केवल गोलियों से नहीं होती, पानी रोकना भी युद्ध जैसा है।” यह बयान ऐसे समय में आया है जब 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष लोगों की मौत के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है।
पहलगाम हमले के बाद भारत की प्रतिक्रिया
पहलगाम हमले के बाद भारत सरकार ने इंडस वॉटर ट्रीटी (Indus Waters Treaty/IWT) को लेकर अपने विकल्प खुले रखे हैं। भारत ने इस संधि के तहत पश्चिमी नदियों (सिंधु, झेलम, चिनाब) पर मिलने वाली सीमित निर्माण की अनुमति का पुनर्मूल्यांकन शुरू किया है। साथ ही भारत ने पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द कर दिए और वाघा-अटारी सीमा को भी अस्थायी रूप से बंद कर दिया है।
सिंधु जल संधि: 1960 की ऐतिहासिक जल संधि खतरे में?
1960 में विश्व बैंक की मध्यस्थता से बनी सिंधु जल संधि को अब तक सबसे सफल अंतरराष्ट्रीय जल समझौतों में गिना जाता रहा है। इसके तहत भारत को पूर्वी नदियों (रावी, व्यास, सतलुज) का नियंत्रण मिला है, जबकि पाकिस्तान को पश्चिमी नदियों का विशेषाधिकार प्राप्त है। लेकिन अब भारत के रुख से पाकिस्तान में चिंता बढ़ी है और उसने विश्व बैंक से हस्तक्षेप की मांग की है।
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पानी को हथियार बना रहा भारत: ख्वाजा आसिफ का आरोप
ख्वाजा आसिफ ने भारत पर आरोप लगाया कि वह “पानी को हथियार” के रूप में इस्तेमाल कर रहा है। उन्होंने यह भी दावा किया कि भारत को अंतरराष्ट्रीय मंचों से वह समर्थन नहीं मिल रहा, जिसकी उसे उम्मीद थी। पाकिस्तान का मानना है कि भारत बिना पर्याप्त सबूतों के पाकिस्तान को निशाना बना रहा है।