जुबिली न्यूज डेस्क
ढाका: बांग्लादेश में प्रमुख युवा नेता शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद देश में तनाव बढ़ गया है। इंकलाब मंच से जुड़े समर्थकों ने कई शहरों में सड़कों पर उतरकर हिंसक प्रदर्शन किए, जिससे आम जनजीवन प्रभावित हुआ। हिंसा के दौरान एक हिंदू युवक को पीट-पीटकर मार डाला गया, जबकि कई इमारतों और वाहनों को नुकसान पहुंचा।

मीडिया संस्थानों पर हमले
हिंसा के दौरान ढाका के दो प्रमुख मीडिया संस्थानों ‘प्रथम आलो’ और ‘द डेली स्टार’ के दफ्तरों में तोड़फोड़ और आगजनी की घटनाएं हुईं। यह प्रेस की स्वतंत्रता और बहुलवादी समाज के लिए गंभीर खतरा हैं। पत्रकारों में डर का माहौल बन गया है।
शशि थरूर ने जताई चिंता
कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा कि ये घटनाएं “बहुलवादी लोकतंत्र और प्रेस की स्वतंत्रता पर सीधे प्रहार हैं।” उन्होंने पत्रकारों की सुरक्षा पर चिंता जताई और बांग्लादेश सरकार से पूछा कि हत्यारों को दंडित करने और हिंसा की पुनरावृत्ति रोकने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं।
भारतीय वीज़ा सेवाओं पर असर
बढ़ते सुरक्षा जोखिम के कारण भारत ने अपने सहायक उच्चायोगों में वीज़ा सेवाएं अस्थायी रूप से निलंबित कर दी हैं। थरूर ने कहा कि इसका असर छात्रों, इलाज के लिए आने वाले मरीजों और उनके परिवारों पर पड़ेगा।
चुनाव और लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर खतरा
बांग्लादेश में फरवरी 2026 में राष्ट्रीय चुनाव होने हैं। शशि थरूर ने चेताया कि हिंसा और भीड़तंत्र का बढ़ना चुनाव की निष्पक्षता और विश्वसनीयता के लिए गंभीर खतरा है।
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अंतरिम सरकार से शांति की अपील
थरूर ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार और राष्ट्रपति मोहम्मद यूनुस से अपील की कि पत्रकारों, राजनयिक मिशनों और आम नागरिकों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता हो। उन्होंने कहा कि संवाद, कानून व्यवस्था और भरोसे की बहाली ही देश को स्थिरता की ओर ले जा सकती है।
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