न्यूज डेस्क
इंदौर नगर निगम के अधिकारी को बल्ले से पीटने के आरोपी आकाश विजयवर्गीय को जेल से रिहा कर दिया गया है। हालांकि, शनिवार तक जेल से कागजी कारवाई पूरी नहीं होने की वजह से विधायक जेल से बाहर नहीं आ सके थे।
रविवार को सुबह सारी औपचारिकताएं पूरी होने के बाद आकाश विजयवर्गीय बाहर आये। बीजेपी विधायक ने जेल से बाहर आते ही बताया कि उनका समय कारावास में अच्छा बीता है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि वे अपने क्षेत्र और जनता की बेहतरी के लिए काम करते रहेंगे।
बता दें कि भोपाल की विशेष अदालत से आकाश विजयवर्गीय को जमानत मिली थी। उन पर नगर निगम के अधिकारी को बल्ले से पीटने के आरोप में 26 जून को मुकदमा दर्ज किया गया था इसके बाद उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज गया था।
इससे पहले विधायक की याचिका जब इंदौर कोर्ट पहुंची तो अदालत ने उनकी याचिका खारिज कर दी। इंदौर कोर्ट ने यह कहते हुए याचिका ख़ारिज कर दि थी कि यह मामला विधायक से जुड़ा है, इसलिए इसकी सुनवाई करना उसके क्षेत्राधिकार में नहीं है। अदालत ने कहा कि इस केस की सुनवाई विधायकों और सांसदों के लिए बने भोपाल के विशेष कोर्ट में होनी चाहिए।
20-20 हजार रुपये के बांड पर मिली जमानत
इसके बाद आकाश विजयवर्गीय के वकील अपनी अर्जी लेकर भोपाल पहुंचे। शुक्रवार को भोपाल कोर्ट ने इंदौर केस से जुड़े दस्तावेज मंगवाने का आदेश देकर शनिवार को केस की सुनवाई का वक्त दिया था। शनिवार को भोपाल में जज सुरेश सिंह ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद आकाश विजयवर्गीय को 20-20 हजार रुपये के बांड पर जमानत दे दी।
क्या था मामला
बता दें कि बीते 26 जून इंदौर नगर निगम के अधिकारी धीरेंद्र बायस अपनी टीम के साथ एक जर्जर मकान को ढ़हाने के लिए को पहुंचे थे। इसकी सूचना स्थानीय लोगों ने क्षेत्र के विधायक आकाश विजयवर्गीय को दे दी। जानकारी मिलने के बाद अपने समर्थकों के साथ पहुंचे आकाश विजयवर्गीय ने नगर निगम की टीम को बिना कारवाई किए चले जाने को कहा।
उनके कहने के बाद भी अधिकारियों ने कार्रवाई जारी रखी। इसके बाद गुस्साए आकाश ने अधिकारी द्वारा बात न मानने की वजह से क्रिकेट बैट से अधिकारी की पिटाई कर दी थी। इसके बाद अधिकारी को धीरेंद्र बायस को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इस घटना का विडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था।
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