जुबिली न्यूज डेस्क
भारत और पाकिस्तान के बीच हाल ही में हुए सैन्य टकराव के बाद, पाकिस्तान के इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (ISPR) के निदेशक जनरल (DG) मेजर जनरल अहमद शरीफ चौधरी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस वीडियो में उन्होंने पाकिस्तान की सेना को ‘इस्लामी सेना’ बताते हुए कहा कि उनका मुख्य उद्देश्य ‘जिहाद’ करना है।
अहमद शरीफ का विवादास्पद बयान
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान, जब एक पत्रकार ने पाकिस्तान की सेना द्वारा इस्लामी शब्दों के इस्तेमाल पर सवाल उठाया, तो अहमद शरीफ ने जवाब देते हुए कहा, “हमारी सेना एक इस्लामी सेना है। हमारा काम जिहाद करना है, और यह हमें प्रेरित करता है।” यह बयान पाकिस्तान की सैन्य नीति और कट्टरपंथी विचारधारा को उजागर करता है।
‘Pakistani Army is an Islamic army, & Jihad (war against non-Muslims) is our motto & drives us.’
– DG ISPR, Pakistan
Ever heard of any Indian Armed Forces official speaking to Muslims like that? But, as per liberals, extremists exist on both sides.pic.twitter.com/6Czve2qWhB
— Pakistan Untold (@pakistan_untold) May 12, 2025
पिता के आतंकवादियों से संबंध
अहमद शरीफ चौधरी के पिता, सुलतान बशीरुद्दीन महमूद, पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले वैज्ञानिक थे। हालांकि, उनके कट्टरपंथी विचारों और आतंकवादियों के साथ संबंधों के कारण वे विवादों में रहे हैं। कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, सुलतान बशीरुद्दीन महमूद ने ओसामा बिन लादेन को परमाणु तकनीकी जानकारी भी प्रदान की थी।
भारत का प्रतिक्रिया
भारत ने पाकिस्तान के DG ISPR के इस बयान को खारिज किया है। भारतीय सेना के अनुसार, ऑपरेशन सिंदूर के तहत केवल आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया गया था, और किसी भी नागरिक या धार्मिक स्थल को नुकसान नहीं पहुंचाया गया। भारत ने पाकिस्तान के आरोपों को तथ्यहीन और निराधार बताया है।
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पाकिस्तान के DG ISPR का यह बयान न केवल सैन्य रणनीति को लेकर सवाल उठाता है, बल्कि यह पाकिस्तान की कट्टरपंथी विचारधारा और आतंकवाद के प्रति उसके दृष्टिकोण को भी उजागर करता है। इस प्रकार के बयानों से दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ सकता है, और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए।