जुबिली स्पेशल डेस्क
नई दिल्ली। विपक्षी इंडिया गठबंधन ने पूर्व सुप्रीम कोर्ट जज बी. सुदर्शन रेड्डी को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया है। इसका ऐलान कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने किया, जबकि कांग्रेस प्रवक्ता जयराम रमेश ने बताया कि गठबंधन ने सर्वसम्मति से उनका नाम तय किया है। उनका मुकाबला एनडीए उम्मीदवार सी.पी. राधाकृष्णन से होगा।
टीएमसी सांसद डेरेक ओ’ब्रायन ने कहा कि आम आदमी पार्टी सहित सभी सहयोगी दल रेड्डी के नाम पर सहमत हैं।
कौन हैं बी. सुदर्शन रेड्डी?
- जन्म: 8 जुलाई 1946, अकुला मायलारम गांव, रंगा रेड्डी जिला (आंध्र प्रदेश)
- शिक्षा: उस्मानिया यूनिवर्सिटी, हैदराबाद से 1971 में लॉ की डिग्री
करियर
- सिविल और संवैधानिक मामलों में प्रैक्टिस से शुरुआत
- 1988 में आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट में गवर्नमेंट प्लीडर नियुक्त
- 1993 में आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट एडवोकेट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष
- 1993 में आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के एडिशनल जज
- 2005 में गुवाहाटी हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस
- 2007 में सुप्रीम कोर्ट के जज नियुक्त, 2011 में रिटायर
- 2013 में गोवा के पहले लोकायुक्त बने, लेकिन निजी कारणों से इस्तीफ़ा दिया
सुदर्शन रेड्डी का लंबा न्यायिक करियर और संवैधानिक मामलों में विशेषज्ञता उन्हें इस चुनाव में एक मज़बूत उम्मीदवार बनाती है।
कानूनी करियर
- करियर की शुरुआत सिविल और संवैधानिक मामलों की प्रैक्टिस से की।
- आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता के. प्रताप रेड्डी के साथ कार्य किया।
- 8 अगस्त 1988 को आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट में गवर्नमेंट प्लीडर नियुक्त हुए और बाद में केंद्र सरकार के एडिशनल स्टैंडिंग काउंसल बने।
- 1993 में आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट एडवोकेट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष चुने गए।
- उसी दौरान उस्मानिया यूनिवर्सिटी के लीगल एडवाइजर भी रहे।
न्यायिक नियुक्तियां
- 2 मई 1993 को आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट में एडिशनल जज नियुक्त हुए।
- 5 दिसंबर 2005 को वे गुवाहाटी हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस बने।
- 12 जनवरी 2007 को सुप्रीम कोर्ट के जज बने और 8 जुलाई 2011 को रिटायर हुए।
रिटायरमेंट के बाद
- मार्च 2013 में गोवा के पहले लोकायुक्त के रूप में नियुक्त हुए।
- हालांकि, निजी कारणों से अक्टूबर 2013 में उन्होंने इस्तीफा दे दिया।
राजनीतिक संदर्भ
इंडिया गठबंधन ने ऐसे वक्त पर रेड्डी का नाम आगे बढ़ाया है, जब देश की राजनीति में विपक्ष अपने एकजुट चेहरे को दिखाना चाहता है। रेड्डी का लंबा न्यायिक अनुभव, संवैधानिक मामलों की गहरी समझ और उनकी निष्पक्ष छवि उन्हें इस पद के लिए एक सशक्त उम्मीदवार बनाती है।
उनका मुकाबला एनडीए के सी.पी. राधाकृष्णन से होगा, जो राजनीति और संगठनात्मक पृष्ठभूमि से आते हैं। इस वजह से उपराष्ट्रपति चुनाव विचारधारा और अनुभव दोनों का टकराव माना जा रहा है।