Tuesday - 23 January 2024 - 10:30 PM

कांग्रेस की अंतर्कलह खुलकर आई बाहर

न्‍यूज डेस्‍क

उत्‍तरखंड कांग्रेस में एक बार फिर अंतर्कलह और बगावत का दौर शुरू हो गया है। प्रदेश कार्यकारिणी घोषित होने के बाद पार्टी में फैला असंतोष बाहर आने लगा है। धारचूला के विधायक हरीश धामी ने कार्यकारिणी में सचिव पद मिलने पर असंतोष जाहिर करते हुए जहां उसे छोड़ने के साथ ही कांग्रेस से भी इस्‍तीफा देने की बात कह दी है।

वहीं, डेयरी फेडरेशन के दो बार अध्यक्ष व नैनीताल दुग्ध संघ के तीन बार अध्यक्ष रह चुके संजय किरोला व कालाढूंगी नगर पंचायत के पूर्व चेयरमैन दीप सती ने भी सचिव पद को अस्वीकार कर दिया है। जाहिर तौर पर कांग्रेस के लिए यह संकट की घड़ी है। पार्टी में बढ़े इस विरोध पर फिलहाल वरिष्‍ठ नेता हरीश रावत ने अभी कोई टिप्‍पणी नहीं की है, लेकिन नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने बयान देकर मामले को तूल दे दिया है।

धामी के असंतोष को लेकर नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने कहा कि उन्हें पता है हरीश धामी को सचिव किसने बनवाया? लेकिन वह बताएंगे नहीं। हरीश धामी के इस्तीफे पर नसीहत देते हुए कहा की इंदिरा हृदयेश ने कहा कि धामी को नखरे दिखाने की जरूरत नहीं है। पार्टी फोरम में अपनी बात रखनी चाहिए। पार्टी के सभी विधायक और पूर्व विधायकों को विशेष आमंत्रित सदस्य बताने की बात कही गई थी। लेकिन ऐसी नाराजगी पार्टी संगठन के किसी काम की नहीं लिहाजा इतना ज्यादा विश्वास है तो खुद चुनाव लड़े और मुख्यमंत्री बन जाए।

गौरतलब है कि शनिवार को प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने प्रदेश की जंबो कार्यकारिणी घोषित कर दी। घोषित सूची में पिथौरागढ़ के पूर्व विधायक मयूख महर को उपाध्यक्ष और धारचूला के विधायक हरीश धामी को सचिव बनाया है। सूची जारी होते ही विधायक हरीश धामी ने सचिव पद से त्यागपत्र दे दिया है।

उन्होंने कहा कि सूची में सबसे अंतिम नाम उनका है। वहीं नेता प्रतिपक्ष द्वारा वरिष्ठ होने के बाद भी केवल एक समिति में उनका नाम दिया था। उन्होंने कहा कि इस तरह का अपमान वह सहने वाले नहीं हैं। सचिव पद छोड़ रहा हूं। उन्होंने यह भी ऐलान कर डाला कि वह बहुत जल्दी कांग्रेस छोडऩे वाले हैं। कांग्रेस छोडऩे की तिथि शीघ्र घोषित कर देंगे। उन्होंने कार्यकारिणी की सूची को कांग्रेस को गर्दिश में ले जाने वाली बताया है।

दूसरी ओर उत्‍तराखंड में कांग्रेस के अंदर चल रही खींचतान को लेकर वन मंत्री हरक सिंह रावत ने कांग्रेस विपक्ष की भूमिका पर सवाल खड़े किये है वन मंत्री हरक सिंह रावत ने कांग्रेस पर जुबानी हमला करते हुए कहा कि प्रदेश में कांग्रेस जिस तरह से कमजोर हो गई है वो कांग्रेस के लिए ठीक नही है। साथ ही उत्तराखंड के लिए भी ठीक नही है। लोकतंत्र तभी मजबूत होता है जब पक्ष विपक्ष मजबूत होता है इस समय विपक्ष के रूप में कांग्रेस पुरी तरह से कमजोर हो चुकी है। जिन मुद्दों पर कांग्रेस को सरकार का ध्यान आकर्षित करना चाहिए उनके बदले कांग्रेस अपने अंदरिय खीचेतान में लगी हुई है।

हरक सिंह रावत ने नैनीताल में कहा कि उनकी हरीश रावत के साथ कोई नाराजगी या तनातनी नहीं है, बल्कि राजनीति में ना कोई दोस्त होता है और ना ही कोई दुश्मन होता है। नैनीताल के उच्च स्थलीय प्राणी उद्यान में एक कार्यक्रम के दौरान सूबे के वन एवं पर्यावरण मंत्री हरक सिंह रावत मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद थे। पत्रकारों ने उनसे पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के उस ट्वीट के बारे में पूछा, जिसमें उन्होंने कांग्रेस छोड़कर 2016 में भाजपा में गए विधायकों को घर वापसी का न्योता दिया था।

इसके जवाब में हरक सिंह रावत ने हंसकर कहा कि उनकी हरीश रावत से कोई नाराजगी नहीं है। उन्होंने राजनीति का साबसे बड़ा सिद्धांत बताया जिसमें ना तो कोई दोस्त होता है और ना ही कोई दुश्मन होता है। हरक सिंह रावत उन नौ विधायकों में शामिल थे जिन्होंने 18 मार्च 2016 को तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत से बगावत कर भाजपा के लैटर पैड पर राज्यपाल को समर्थन वापस लेने का पत्र सौंपा था। आज हरक सिंह रावत के इस जवाब के बाद एक बार फिर अटकलें लगाई जा रही हैं कि अगर राजनीति में कोई दोस्त और दुश्मन नहीं होता है तो पाला किसी तरफ को भी पलट सकता है ।

 

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