जुबिली स्पेशल डेस्क
बांग्लादेश के छात्र नेता शरीफ उस्मान हादी की हत्या के मामले में एक बार फिर सनसनीखेज मोड़ सामने आया है। इस केस के मुख्य आरोपी फैसल करीम मसूद ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो संदेश जारी कर खुद को पूरी तरह निर्दोष बताया है।
मसूद का दावा है कि हत्या के वक्त वह भारत में नहीं, बल्कि दुबई में मौजूद था, जबकि बांग्लादेश पुलिस का कहना है कि वह भारत में छिपा हुआ है।
वायरल वीडियो में फैसल करीम मसूद कहते हैं, “मैं फैसल करीम मसूद हूं। साफ कहना चाहता हूं कि हादी की हत्या से मेरा कोई लेना-देना नहीं है।
यह मामला पूरी तरह झूठा है और साजिश के तहत बनाया गया है।” उन्होंने आरोप लगाया कि इन्हीं झूठे आरोपों के चलते उन्हें देश छोड़कर दुबई जाना पड़ा। मसूद का दावा है कि उनके पास दुबई का वैध पांच साल का मल्टी-एंट्री वीज़ा है और वे कानूनी तरीके से वहां पहुंचे हैं।
परिवार को परेशान करने का आरोप
मसूद ने वीडियो में यह भी कहा कि इस मामले में उनके परिवार को बेवजह निशाना बनाया जा रहा है। उनके मुताबिक, “मेरे परिवार का इस केस से कोई संबंध नहीं है, फिर भी उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है, जो अमानवीय है।”
हादी से संबंधों पर दी सफाई
फैसल मसूद ने माना कि हत्या से पहले वह हादी के कार्यालय गए थे, लेकिन इसे उन्होंने केवल कामकाजी मुलाकात बताया। मसूद का कहना है कि वे एक बिजनेसमैन हैं, उनकी आईटी कंपनी है और वे पहले वित्त मंत्रालय में भी काम कर चुके हैं। उन्होंने दावा किया कि हादी ने उन्हें नौकरी दिलाने का आश्वासन दिया था, जिसके बदले उन्होंने पांच लाख टका एडवांस दिए थे। इसके अलावा, हादी के कई कार्यक्रमों के लिए उन्होंने आर्थिक सहयोग भी किया था।
कट्टरपंथी तत्वों पर लगाया आरोप
मसूद ने हादी की हत्या के पीछे जमात से जुड़े कट्टरपंथी तत्वों का हाथ बताया। उनका कहना है कि हादी जमात की राजनीति से जुड़ा हुआ था और उसी से जुड़े लोगों ने उसकी हत्या की। मसूद ने आरोप लगाया कि उन्हें और उनके भाई को जानबूझकर फंसाया जा रहा है।
पुलिस और भारत का पक्ष
बांग्लादेश पुलिस का दावा है कि फैसल मसूद और एक अन्य आरोपी आलमगीर शेख भारत फरार हो गए हैं और मेघालय सीमा के रास्ते देश में दाखिल हुए। वहीं भारत ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा है कि इस हत्याकांड में भारत का नाम घसीटना पूरी तरह झूठा और भ्रामक है।
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