न्यूज डेस्क
पीएम नरेंद्र मोदी ने अपनी दूसरी पारी के लिए नई कैबिनेट तैयार कर ली है। पिछली सरकार में विदेश मंत्री रहीं सुषमा स्वराज की जगह विदेश मंत्रालय का जिम्मा पूर्व विदेश सचिव एस. जयशंकर को सौंपा गया है। एस. जयशंकर को विदेश मंत्री की जिम्मेदारी दिए जाने से साफ है कि नई मोदी सरकार चाहती है विदेश स्तर पर बड़े निर्णय लेने के लिए जयशंकर महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं।
चीन और अमेरिका के मामले में विशेषज्ञ माने जाने वाले जयशंकर के सामने अमेरिका ने बड़ी चुनौती रख दी है। दरअसल, अमेरिका ने भारत को मिले सामान्य तरजीही प्रणाली (GSP) दर्जे को खत्म कर दिया है, जो पांच जून से लागू हो जाएगा।
अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने वाइट हाउस में इसकी घोषणा की है। ट्रंप ने चार मार्च को इस बात की घोषणा की थी कि वह जीएसपी कार्यक्रम से भारत को बाहर करने वाले हैं। इसके बाद 60 दिनों की नोटिस अवधि तीन मई को समाप्त हो गई।

ट्रंप ने शुक्रवार को कहा, ‘मैंने यह तय किया है कि भारत ने अमेरिका को अपने बाजार तक समान और तर्कपूर्ण पहुंच देने का आश्वासन नहीं दिया है। पांच जून, 2019 से भारत को प्राप्त लाभार्थी विकासशील देश का दर्जा समाप्त करना बिल्कुल सही है।’
सामान्य तरजीही प्रणाली (जीएसपी) अमेरिका द्वारा अन्य देशों को व्यापार में दी जाने वाली तरजीह की सबसे पुरानी और बड़ी प्रणाली है। इसके तहत दर्जा प्राप्त देशों को हजारों सामान बिना किसी शुल्क के अमेरिका को निर्यात करने की छूट मिलती है।
भारत 2017 में जीएसपी कार्यक्रम का सबसे बड़ा लाभार्थी रहा। वर्ष 2017 में भारत ने इसके तहत अमेरिका को 5.7 अरब डॉलर का निर्यात किया था।
गौरतलब है कि ट्रंप अमेरिका का व्यापार घाटा कम करने की कोशिश कर रहे हैं और इसी क्रम में वह भारत पर अमेरिकी वस्तुओं पर ऊंची दर से शुल्क लगाने का आरोप लगाता रहा है।
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