जुबिली स्पेशल डेस्क
उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग की नवनियुक्त अध्यक्ष डॉ. प्रशांत कुमार की अध्यक्षता में हुई पहली बैठक में शिक्षक पात्रता परीक्षा (UP TET) को लेकर अहम निर्णय लिया गया है।
आयोग ने स्पष्ट किया है कि परीक्षा की तिथियां तय करने से पहले अन्य आयोगों और भर्ती संस्थाओं के परीक्षा कैलेंडर का गहन अध्ययन किया जाएगा। इसके बाद ही नई समय-सारणी घोषित की जाएगी, ताकि परीक्षाओं की तिथियां आपस में न टकराएं और प्रक्रिया पारदर्शी एवं सुचारु रूप से पूरी हो सके।
इस फैसले के बाद यह लगभग तय माना जा रहा है कि 29 और 30 जनवरी 2026 को प्रस्तावित यूपी टीईटी परीक्षा अब स्थगित होगी।
टीईटी टलने से 15 लाख अभ्यर्थियों पर असर
यूपी टीईटी के स्थगन से प्रदेश भर के करीब 15 लाख प्रतियोगी अभ्यर्थी प्रभावित होंगे। आयोग का कहना है कि यह फैसला जल्दबाजी से बचने और परीक्षा प्रक्रिया की शुचिता बनाए रखने के उद्देश्य से लिया गया है।
बैठक में यह भी निर्णय हुआ कि आयोग के कामकाज में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए आंतरिक विजिलेंस प्रणाली (इंटरनल विजिलेंस सिस्टम) स्थापित की जाएगी। इसके तहत जल्द ही एक विजिलेंस अधिकारी की नियुक्ति की जाएगी, जो परीक्षा और भर्ती प्रक्रियाओं की प्रभावी निगरानी करेगा।
जल्द जारी होगा विस्तृत परीक्षा कैलेंडर
आयोग ने भरोसा दिलाया है कि सभी भर्ती परीक्षाएं समयबद्ध, निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से आयोजित की जाएंगी। इसके लिए जल्द ही एक विस्तृत परीक्षा कैलेंडर जारी किया जाएगा। आयोग के उपसचिव एवं जनसंपर्क अधिकारी संजय कुमार सिंह ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी दी है।
क्या है यूपी टीईटी परीक्षा
यूपी टीईटी यानी उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा राज्य के सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों में कक्षा 1 से 8 तक शिक्षक बनने के लिए अनिवार्य परीक्षा है। इसका आयोजन उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा बोर्ड (UPBEB) द्वारा किया जाता है। परीक्षा दो पेपर में होती है—प्राथमिक (कक्षा 1–5) और उच्च प्राथमिक (कक्षा 6–8)। इस परीक्षा को पास करने के बाद अभ्यर्थी शिक्षक भर्ती प्रक्रियाओं में आवेदन के पात्र होते हैं।
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