जुबिली स्पेशल डेस्क
उत्तर प्रदेश में मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) पूरा हो चुका है। इस प्रक्रिया के तहत तैयार की गई ड्राफ्ट वोटर लिस्ट 31 दिसंबर को जारी की जाएगी।
इससे पहले सभी जिलों की स्थिति सामने आ चुकी है। जिलावार आंकड़े बताते हैं कि SIR प्रक्रिया में बड़े शहर सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। इनमें राजधानी लखनऊ सबसे ऊपर है, जहां 12 लाख से अधिक मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से हटा दिए गए हैं।
वोट कटने के मामले में प्रयागराज दूसरे स्थान पर रहा, जहां 11 लाख 56 हजार 339 मतदाताओं के नाम सूची से बाहर हुए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, यह कटौती डुप्लीकेट एंट्री, स्थानांतरण, मृत्यु और अपूर्ण दस्तावेजों जैसे कारणों से की गई है।
फर्रुखाबाद से गोरखपुर तक लाखों नाम हटे
सहारनपुर से इटावा के बाद फर्रुखाबाद से गोरखपुर तक के जिलों में SIR प्रक्रिया के दौरान करीब 97 लाख मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हटाए गए।
इनमें प्रयागराज में 11.56 लाख, जौनपुर में 5.89 लाख, आजमगढ़ में 5.66 लाख, गोरखपुर में 6.45 लाख और बलिया में 4.55 लाख नाम कटे हैं।
प्रतिशत के लिहाज से देखें तो ललितपुर जिला सबसे आगे रहा, जहां 90.05 प्रतिशत मतदाता रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण किया गया।

महाराजगंज से संभल तक भी भारी कटौती
महाराजगंज से संभल तक के जिलों में भी SIR के दौरान करीब 98 लाख मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से हटाए गए।
सबसे ज्यादा कटौती लखनऊ में करीब 12 लाख रही। इसके बाद सीतापुर (6.24 लाख), हरदोई (5.45 लाख), बहराइच (5.41 लाख), खीरी (5.06 लाख), कुशीनगर (5.03 लाख) और गोंडा (4.70 लाख) मतदाताओं के नाम सूची से हटाए गए।
इन 25 जिलों में SIR प्रक्रिया के तहत अंबेडकरनगर जिला सबसे आगे रहा, जहां 86.18 प्रतिशत मतदाता रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण पूरा किया गया।
अब सभी की निगाहें 31 दिसंबर को जारी होने वाली ड्राफ्ट वोटर लिस्ट पर टिकी हैं, जिसके बाद आपत्तियों और सुधार की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
बता दें कि यूपी में 2027 को चुनाव होना है। ऐसे में राजनीतिक दल काफी एलर्ट है और SIR को लेकर काफी बवाल मचा हुआ है।
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