Wednesday - 10 January 2024 - 2:33 AM

संयुक्त राष्ट्र महासभा : PM मोदी के संबोधन में क्या रही खास बात

जुबिली स्पेशल डेस्क

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा के 76वें सत्र संबोधित के दौरान उन्होंने आतंकवाद, अफगानिस्तान, कोरोना वायरस वैक्सीन जैसे कई बड़े मुद्दो पर बात की। इस दौरान उन्होंने बिना नाम लिए पाकिस्तान और चीन पर निशाना साधा है। पीएम मोदी ने करीब 22 मिनट के संबोधन में दुनिया के सामने कई अहम मुद्दों को रखा।

मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 76वें अधिवेशन को संबाेधित करते हुए यह आह्वान किया। उन्होंने विश्व मंच पर लोकतंत्र की शक्ति का उद्घोष करते हुए कहा कि लोकतंत्र परिणाम दे सकता है और लोकतंत्र ने परिणाम दिये हैं।

उन्होंने यह भी आह्वान किया कि विश्व समुदाय को मौजूदा हालात में वैश्विक लाेकतांत्रिक व्यवस्था, वैश्विक कानूनों एवं वैश्विक मूल्यों के संरक्षण के लिए निरंतर कार्य करना होगा।

पाकिस्तान पर क्या कहा

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में पाकिस्तान का नाम नहीं लिया है लेकिन इशारों-इशारों में उसपर हमला बोला है। उन्होंने साफ किया है कि जो देश आतंकवाद का पॉलिटिकल टूल के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं, उन्हें ये समझना होगा कि आतंकवाद उनके लिए भी उतना ही बड़ा खतरा है।

दरअसल पीएम मोदी ने अफगानिस्तान का मामला उठाया है और कहा कि कहा कि ये सुनिश्चित किया जाना बहुत ज़रूरी है कि अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल आतंकवाद फैलाने और आतंकी हमलों के लिए न हो।

हमें इसके लिए सतर्क रहना होगा कि वहां कि नाज़ुक स्थितियों का कोई देश अपने स्वार्थ के लिए एक टूल की तरह को इस्तेमाल करने की कोशिश न करें।

मोदी ने अफगानिस्तान को लेकर चिंता व्यक्त की

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अफगानिस्तान को लेकर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि इस समय अफागानिस्तान की जनता को। वहां की महिलाओं और बच्चों को, वहां के अल्पसंख्यकों को मदद की ज़रूरत है और इसमें हमें अपना दायित्व निभाना ही होगा।

पीएम मोदी ने कहा, “हमारे समंदर भी हमारी साझी विरासत है. इसलिए हमें ये ध्यान रखना होगा कि समंदर की रिसोर्सेज को हम इस्तेमाल करें, गलत इस्तेमाल न करें।

हमारे समंदर अंतरराष्ट्रीय व्यापार की लाइफलाइन भी है।  इन्हें हमें एक्सपैंशन और एक्सक्लूज़न की दौड़ से बचाकर रखना होगा। पीएम मोदी ने कहा कि नियम आधारित वर्ल्ड ऑर्डर को सशक्त बनाने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय को एक सुर में आवाज़ उठानी ही होगी।

उन्होंने कहा कि सुरक्षा परिषद में भारत की अध्यक्षता के दौरान बनी सहमति विश्व को मैरीटाइम सुरक्षा के विषय में आगे बढ़ने का मार्ग दिखाती है।

भारत ने दुनिया का पहला डीएनए वैक्सीन विकसित किया : पीएम मोदी

पीएम मोदी ने वैक्सीन को लेकर कहा कि भारत ने दुनिया का पहला डीएनए वैक्सीन विकसित किया है, जिसे 12 साल से ऊपर के सभी व्यक्ति को दिया जा सकता है। साथ ही उन्होंने कहा कि हम दुनियाभर में वैक्सीन सप्लाई कर रहे हैं। पीएम ने कहा, “मैं आज दुनिया भर के वैक्सीन मैन्युफैक्चर्स को भी आमंत्रित करता हूं कि आइए और भारत में वैक्सीन बनाइए।”

पीएम मोदी ने कहा, “हमारे समंदर भी हमारी साझी विरासत है. इसलिए हमें ये ध्यान रखना होगा कि समंदर की रिसोर्सेज को हम इस्तेमाल करें, गलत इस्तेमाल न करें। हमारे समंदर अंतरराष्ट्रीय व्यापार की लाइफलाइन भी है.

इन्हें हमें एक्सपैंशन और एक्सक्लूजऩ की दौड़ से बचाकर रखना होगा। पीएम मोदी ने कहा कि नियम आधारित वर्ल्ड ऑर्डर को सशक्त बनाने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय को एक सुर में आवाज़ उठानी ही होगी। उन्होंने कहा कि सुरक्षा परिषद में भारत की अध्यक्षता के दौरान बनी सहमति विश्व को मैरीटाइम सुरक्षा के विषय में आगे बढऩे का मार्ग दिखाती है।

मोदी ने विश्व मंच पर पंडित दीनदयाल उपाध्याय को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए दुनिया को उनके एकात्म मानव दर्शन एवं अंत्योदय के सिद्धांत से परिचित कराया।

उन्होंने कहा कि भारत इसी सिद्धांत पर चलते हुए एकीकृत एवं समानतापूर्ण विकास की ओर बढ़ रहा है जो सर्वसमावेशी, सर्वस्पर्शी, सर्वव्यापी एवं सर्वपोषक है। प्रधानमंत्री ने इसके साथ ही भारत में जनधन खाते, प्रधानमंत्री आवास, नल जल योजना, आयुष्मान भारत योजना के साथ तकनीक के सहारे प्रगति के प्रयासों की जानकारी दी।

मोदी ने महान कूटनीतिज्ञ आचार्य चाणक्य को उद्धृत करते हुए कहा कि जब सही समय पर सही कार्य नहीं किया जाता, तो समय ही उस कार्य की सफलता को समाप्त कर देता है।

उन्होंने विश्व शासन की इस सर्वोच्च संस्था की गिरती साख पर बेलाग टिप्पणी करते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र को खुद को प्रासंगिक बनाए रखना है तो उसे अपनी प्रभावशीलता को सुधारना होगा, भरोसे को बढ़ाना होगा।

उन्होंने कहा, “संयुक्त राष्ट्र पर आज कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं। इन सवालों को हमने जलवायु परिवर्तन के संकट में देखा है, कोविड के दौरान के देखा है।

दुनिया के कई हिस्सों में चल रहे छद्म युद्ध -आतंकवाद और अभी अफगानिस्तान के संकट ने इन सवालों को और गहरा कर दिया है।”
प्रधानमंत्री ने चीन पर हमला करते हुए कहा कि कोविड के उद्गम के संदर्भ में और ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस की रैंकिंग को लेकर, वैश्विक शासन से जुड़ी संस्थाओं ने दशकों के परिश्रम से बनी अपनी विश्वसनीयता को नुकसान पहुंचाया है।

मोदी ने गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर की एक कविता की कुछ पंक्तियां पढ़ीं

य ह आवश्यक है कि हम संयुक्त राष्ट्र को विश्व व्यवस्था, वैश्विक कानूनों एवं वैश्विक मूल्यों के संरक्षण के लिए निरंतर सुदृढ़ करें।”
प्रधानमंत्री ने नोबेल पुरस्कार विजेता गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर की एक कविता की कुछ पंक्तियां पढ़ीं और उनका अर्थ बताते हुए कहा, “अपने शुभकर्म के पथ पर निर्भीक हो कर बढ़ो, सभी दुबर्लताएं, सभी शंकाएं समाप्त हों।”

उन्होंने कहा कि ये संदेश आज के संदर्भ में संयुक्त राष्ट्र के लिए जितना प्रासंगिक है उतना ही हर जिम्मेदार देश के लिए भी प्रासंगिक है। ऐसा विश्वास है, हम सबका प्रयास, विश्व में शांति और सौहार्द बढ़ाएगा, विश्व को स्वस्थ, सुरक्षित और समृद्ध बनाएगा।

 

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