Saturday - 1 November 2025 - 11:46 AM

यूनेस्को ने लखनऊ को दी ‘क्रिएटिव सिटी ऑफ गैस्ट्रोनॉमी’ की मान्यता, नवाबी शहर के स्वाद को मिला वैश्विक सम्मान

जुबिली न्यूज डेस्क

लखनऊ: नवाबी अंदाज़, तहज़ीब और लजीज़ व्यंजनों के लिए मशहूर उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ को अब वैश्विक स्तर पर भी बड़ी पहचान मिली है। यूनेस्को (UNESCO) ने लखनऊ को उसकी समृद्ध और विविध पाककला विरासत (Culinary Heritage) के लिए ‘क्रिएटिव सिटी ऑफ गैस्ट्रोनॉमी’ (Creative City of Gastronomy) की सूची में शामिल किया है। यह उपलब्धि न केवल लखनऊ बल्कि पूरे भारत के लिए गर्व का क्षण है।

यूनेस्को की क्रिएटिव सिटीज नेटवर्क में 58 नए शहर शामिल

संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (UNESCO) की महानिदेशक ऑड्रे अजोले ने शुक्रवार (31 अक्टूबर) को 58 नए शहरों को ‘यूनेस्को क्रिएटिव सिटीज नेटवर्क (UCCN)’ में शामिल करने की घोषणा की। इस नेटवर्क में अब 100 से अधिक देशों के 408 शहर शामिल हो चुके हैं। इस पहल का उद्देश्य उन शहरों को पहचान देना है जो संस्कृति, कला और रचनात्मकता को सतत विकास का आधार बनाते हैं।

लखनऊ की रसोई को मिली वैश्विक पहचान

भारत के स्थायी प्रतिनिधिमंडल ने ‘एक्स (X)’ पर पोस्ट साझा करते हुए लिखा —“भारत के लिए गर्व का क्षण! लखनऊ की समृद्ध पाककला विरासत को अब वैश्विक पहचान मिली है।” यह घोषणा विश्व नगर दिवस 2025 (30 अक्टूबर) के अवसर पर की गई। लखनऊ को ‘पाककला’ (Gastronomy) श्रेणी में यह सम्मान मिला है। लखनऊ के अवधी व्यंजन, जैसे — कबाब, बिरयानी, निहारी, कोरमा, चाट और मिठाइयाँ — न सिर्फ भारत में बल्कि दुनिया भर में प्रसिद्ध हैं। अब लखनऊ की वही गलियों में बसने वाला स्वाद यूनेस्को की सूची में शामिल होकर वैश्विक मंच तक पहुंच गया है।

यूनेस्को प्रमुख ने कहा — संस्कृति है विकास की प्रेरक शक्ति

यूनेस्को की महानिदेशक ऑड्रे अजोले ने कहा —“रचनात्मक शहर यह साबित करते हैं कि संस्कृति और क्रिएटिव उद्योग केवल परंपरा नहीं, बल्कि विकास के ठोस प्रेरक हैं। ये शहर स्थानीय पहलों को समर्थन देते हैं, निवेश को आकर्षित करते हैं और सामाजिक एकता को मजबूत बनाते हैं।”

साल 2004 में स्थापित ‘यूनेस्को क्रिएटिव सिटीज नेटवर्क’ का उद्देश्य उन शहरों को जोड़ना है जो कला, नवाचार और संस्कृति के माध्यम से रोजगार, सामाजिक सामंजस्य और सतत विकास को बढ़ावा देते हैं।

दुनिया के नक्शे पर लखनऊ का स्वाद

इस साल जिन शहरों को यूनेस्को की सूची में शामिल किया गया है, उनमें —

  • संगीत के लिए — किसुमु (केन्या) और न्यू ऑरलियंस (अमेरिका)

  • डिजाइन के लिए — रियाद (सऊदी अरब)

  • पाककला (Gastronomy) के लिए — मातोसिन्होस (पुर्तगाल) और कुएनका (इक्वाडोर)

  • फिल्म के लिए — गीजा (मिस्र)

  • साहित्य के लिए — एबरिस्टविथ (ब्रिटेन) शामिल हैं।

इन नामों के बीच लखनऊ का चयन भारत की संस्कृति, खानपान और परंपरा की वैश्विक मान्यता का प्रमाण है।

भारत के लिए गर्व का क्षण

यह सम्मान न केवल लखनऊ की नवाबी रसोई को दुनिया के नक्शे पर लाया है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि भारत की संस्कृति, परंपरा और स्वाद अब वैश्विक पहचान का हिस्सा बन रहे हैं। लखनऊ का यह गौरव देश की सॉफ्ट पावर डिप्लोमेसी को और मजबूत करेगा।

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लखनऊ का यूनेस्को की “क्रिएटिव सिटी ऑफ गैस्ट्रोनॉमी” सूची में शामिल होना इस बात का प्रमाण है कि भारतीय खानपान केवल स्वाद नहीं, बल्कि संस्कृति की आत्मा है। अब लखनऊ के नवाबी कबाब से लेकर मिठास भरी रबड़ी तक — हर जायका अंतरराष्ट्रीय पहचान का हिस्सा बन चुका है।

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