Tuesday - 9 January 2024 - 7:14 PM

‘कोरोना काल’ में तुगलकी DM, आईना दिखाने वाले पत्रकार को निपटाने पर तुले

स्पेशल डेस्क

कोरोना वारयस को रोकने के लिए पूरे देश में लॉकडाउन है। पीएम मोदी ने देश में 21 दिन के लिए लॉकडाउन की घोषणा की है। इसके बाद लोग कोरोना वायरस के खौफ को नजरअंदाज करते हुए सामान लेने के लिए अपने घरों से बाहर निकल गए।

इतना ही नहीं राशन, मेडिकल, दूध और सब्जी की दुकानों पर लंबी-लंबी लाइन देखने को मिली। बता दें ये वो लोग थे जिनकी जेब में पैसा था और अपने घरों में जरूरी सामान को भर डाला ताकि वो लॉकडाउन के समय उनको कोई परेशानी न हो लेकिन ठीक इसके उलट कुछ लोग ऐसे हैं जो गरीब है। इस वजह से उनके पास खाने का कोई इंतजाम नहीं है।

दिहाड़ी मजदूरों के लिए सबसे संकट उत्पन्न हो गया है। इसके आलावा जो रोज कमाकर अपना पेट भरते थे उनको कोरोना ने और परेशानी में डाल दिया है। वहीं खेत में काम करने वाले लोग भी अब भूखे सोने पर मजबूर हो गए है।

नतीजा यह रहा कि एक परिवार कोरोना वायरस के साथ-साथ गरीबी से लडऩे के लिए मजबूर है। इसका ताजा उदाहरण तब देखने को मिला जब लॉकडाउन की वजह से वाराणसी के कोइरिपुर मुसहर बस्ती में तीन दिन से चूल्हा नहीं जला तो अपनी भूख को खत्म करने के लिए उसे घास खाने पर मजबूर होना पड़ा।

हालांकि इस गरीब परिवार का सुनने वाला भी कोई नहीं है लेकिन एक पत्रकार ने इस गरीब परिवार की आवाज बनने की कोशिश की तो उसे दबाने के लिए अफसर अमादा नजर आ रहे हैं।

दरअसल इसकी खबर जब एक पत्रकार को लगी तो उसने अपने कलम के माध्यम से सरकार को आईना दिखाना चाहा तो उसकी खबर को संज्ञान में लेने के बजाये तुगलकी डीएम ने उनको नोटिस भेज दिया।

उधर इस पूरी घटना उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने डीएम के इस हरकत पर योगी सरकार को निशाने पर लिया है।
उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने बनारस में कोइरिपुर में घास खाने पर मजबूर मुसहर समुदाय के लोगों की खबर छापने पर पत्रकार विजय विनीत को वाराणसी डीएम द्वारा भेजे गए नोटिस की कड़ी निंदा की है।

गौरतलब है कि लॉकडाउन के बाद वाराणसी के कोइरिपुर मुसहर बस्ती में तीन दिन से चूल्हा नहीं जला। बस्ती में सेनिटाइजर और मास्क की बात तो बेईमानी है, हाथ धोने को साबुन तक मयस्सर नहीं था। जनसंदेश अखबार के पत्रकार विजय विनीत की रिपोर्ट ने यह तथ्य उजागर किये तो वाराणसी डीएम ने उनको नोटिस भेज दिया।

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि विजय विनीत पत्रकारिता जगत में अपने ईमानदारी और बेहतरीन रिपोर्ट्स के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने ने लॉकडाउन के बाद हो रही समस्याओं को उजागर किया, प्रशासन और शासन को तो उनका शुक्रगुजार होना चाहिए लेकिन अब उनके ऊपर ही नोटिस भेजा गया है जोकि निंदनीय है। किसी भी प्रकार का उत्पीडऩ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

अजय कुमार लल्लू ने कहा कि सुना है कि डीएम कौशलराज शर्मा जी अकड़ी घास को दाल बता रहे हैं और अपने बेटे के साथ उसको खाते हुए तस्वीर खिंचवाई है।

सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों में साजिशन प्रसारित करवा रहे हैं। यह तो और ही ज्यादा अमानवीय है। अकड़ी घास अगर कोई खा रहा है तो उत्तर प्रदेश शासन और प्रशासन को शर्म आनी चाहिए और डीएम कौशल राज शर्मा को तत्काल माफी मांगना चाहिए।

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