सैय्यद मोहम्मद अब्बास
चढ़ते सूरज को हर कोई सलाम करता है। क्रिकेट में खासकर भारतीय क्रिकेट में ये कहावत एक दम सच है। जब तक आपका बल्ला और फॉर्म चल रही है तब तक तो हर कोई अपकी तारीफ करते नहीं थकता है लेकिन जब आप आउट ऑफ फॉम होते हैैं तो एकाएक आपकी खामियां लोगों को दिखने लगती है और आलोचनाओं का लम्बा दौर भी शुरू हो जाता है। आज से कुछ साल पहले भारतीय क्रिकेट में सौरभ गांगुली का राज चलता था लेकिन चैपेल के आने के बाद एकाएक भारतीय क्रिकेट से दादा को गायब कर दिया गया था।

ये वही दौर था जब युवी कैफ जैसे खिलाड़ी दादा की वजह से टीम में बने हुए थे लेकिन चैपेल ने अपने हिसाब से टीम को बनानी चाहिए और उनकी स्कीम में दादा फिट नहीं बैठे तो उनको बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था। दादा की फॉर्म ने उनका साथ छोड़ा तो जबरन उन्हें संन्यास लेने पर मजबूर होना पड़ा अब कुछ इसी तरह का कहानी 33 वर्षीय अंबाती रायडू की भी देखने को मिल रही है।
जो एक समय भारतीय क्रिकेट के लिए अहम माने जा रहे थे उन्हें अचानक से टीम से बाहर का रास्ता दिखा दिया। जिस खिलाड़ी को विश्व कप की टीम में होना चाहिए था उसे अचानक संन्यास लेना पड़ा है। 33 वर्षीय अंबाती रायडू के संन्यास के पीछे कुछ और सच है। टीम इंडिया विश्व कप में शानदार क्रिकेट खेल रही है लेकिन इस दौरान कुछ खिलाड़ी चोटिल हुए है लेकिन उनकी जगह वैसे खिलाडिय़ों को इंग्लैंड भेजा गया जिसके बारे में हालांकि कई तरह के सवाल भी किये गए है। पंत और मंयक को मौका दिया गया है लेकिन रायडू को उपेक्षा का शिकार होना पड़ा है।

अंबाती रायड के क्रिकेट इतिहास पर नजर डाले तो वह पहले अपने करियर के शुरुआत दौर में आर्ईसीएल यानी इंडियन क्रिकेट लीग से जुड़े थे लेकिन बाद में उन्होंने इससे किनारा कर भारतीय क्रिकेट की मुख्य धारा से जुड़ गए। हालांकि इस दौरान उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया और भारतीय टीम का हिस्सा भी बने लेकिन उनकी फिटनेस ने उनका साथ नहीं दिया तो बीसीसीआई उनसे नजरे टेढ़ी कर ली और एकाएक वह भारतीय क्रिकेट स्कीम में फिट नहीं बैठते हैं। ये तर्क देकर उन्हें भारतीय क्रिकेट से एक झटके में बेदखल कर दिया गया। विश्व कप की टीम में उनका चयन नहीं हुआ लेकिन सवाल था कि क्या विजय शंकर जैसे औसत खिलाड़ी को मौका देना सही था। ये सवाल शायद अंबाती रायडू को कचौटता होगा।

रायुडू के प्रदर्शन पर एक नजर
रायुडू ने अपने अंतरराष्ट्रीय वन-डे करियर में 55 मुकाबले में 1694 रन बनाये है और तीन शतक दस पचासा लगाया है। हालांकि समय से पहले संन्यास लेने से भारतीय क्रिकेट भी हैरान है लेकिन इतना तो तय है कि उपेक्षा शिकार होने की वजह से उन्होंने ऐसा सख्त कदम उठाया है।
Jubilee Post | जुबिली पोस्ट News & Information Portal
