Friday - 1 August 2025 - 9:00 AM

ट्रंप का यू-टर्न!? अब 7 अगस्त से लगेगा भारत पर 25% टैरिफ

जुबिली स्पेशल डेस्क

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक बार फिर अपने तीखे फैसलों के चलते वैश्विक चर्चा में हैं। उन्होंने भारत पर 25% टैरिफ लगाने की घोषणा कर दी है, जिसे पहले 1 अगस्त 2025 से लागू किया जाना था। हालांकि, ताजा अपडेट के मुताबिक इस फैसले को एक सप्ताह के लिए टाल दिया गया है। अब यह टैरिफ 7 अगस्त 2025 से प्रभाव में आ सकता है।

ट्रंप का तर्क: रूस से तेल खरीदने वालों को देना होगा दंड

डोनाल्ड ट्रंप ने 14 जुलाई को एक बयान में चेतावनी दी थी कि जब तक रूस-यूक्रेन युद्ध पर कोई ठोस शांति समझौता नहीं होता, तब तक जो भी देश रूस से तेल खरीदेगा, उसे अमेरिका 100% तक टैरिफ झेलने के लिए तैयार रहे।

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इसी सिलसिले में उन्होंने भारत पर 25% टैरिफ का ऐलान कर दिया, क्योंकि भारत की सरकारी रिफाइनरियां अब तक रूस से भारी मात्रा में तेल मंगवाती रही हैं।

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भारत की प्रतिक्रिया: तेल खरीद पर लगी रोक

रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत की सरकारी तेल कंपनियाँ जैसे IOC, BPCL, HPCL और MRPL ने पिछले हफ्ते से रूस से कच्चा तेल खरीदना बंद कर दिया है। इसकी पुष्टि भले आधिकारिक रूप से नहीं हुई हो, लेकिन रिपोर्ट के अनुसार, यह फैसला टैरिफ से बचने के लिए लिया गया है।

निजी कंपनियां अब भी ले रही हैं रूसी तेल

हालांकि रिलायंस इंडस्ट्रीज़ और नायरा एनर्जी जैसी निजी कंपनियाँ अभी भी रूस से तेल खरीद जारी रखे हुए हैं। लेकिन भारत की कुल रिफाइनिंग कैपेसिटी का 60% हिस्सा सरकारी कंपनियों के पास होने के चलते यह बदलाव अंतरराष्ट्रीय बाजार पर असर डाल सकता है।

क्यों चिंता में है भारत?

भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा कच्चा तेल आयातक है और रूस, खासकर यूक्रेन युद्ध के बाद भारत के लिए प्रमुख आपूर्तिकर्ता बना है। ट्रंप के इस फैसले से दो बड़े खतरे हैं:

  1. आयात लागत में भारी इजाफा – तेल महंगा हो सकता है, जिससे महंगाई और करेंट अकाउंट डेफिसिट पर असर पड़ेगा।
  2. भारत-अमेरिका व्यापार संबंधों में तनाव – इससे रणनीतिक साझेदारी प्रभावित हो सकती है, खासकर 2025 के अमेरिकी चुनावों के मद्देनज़र ट्रंप की “अमेरिका फर्स्ट” नीति फिर से हावी हो रही है।

आगे क्या?

अमेरिका ने भले इस फैसले को 7 दिन के लिए टाल दिया हो, लेकिन भारत के सामने दो विकल्प हैं:

  • या तो वह रूस से तेल खरीद पूरी तरह रोक दे,
  • या फिर अमेरिका के टैरिफ का सामना करे।
  • आने वाले हफ्ते बेहद अहम साबित होंगे कि भारत कूटनीति से इस संकट से कैसे निकलता है।
Radio_Prabhat
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