Thursday - 7 August 2025 - 11:32 AM

 ट्रंप ने भारत पर 50% टैरिफ लगाया, पीएम मोदी ने ऐसे दिया जवाब

जुबिली न्यूज डेस्क 

नई दिल्ली,भारत और अमेरिका के रिश्तों में तनाव एक बार फिर सामने आ गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत से आने वाले कुछ खास उत्पादों पर 50 प्रतिशत तक का टैरिफ लगा दिया है। इस फैसले को लेकर भारत की ओर से तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली है, हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिना ट्रंप का नाम लिए साफ संदेश दे दिया कि भारत अपने किसानों के हितों से कोई समझौता नहीं करेगा।

प्रधानमंत्री मोदी ने यह बयान गुरुवार को नई दिल्ली में आयोजित एमएस स्वामीनाथन शताब्दी अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन कार्यक्रम के दौरान दिया। यह कार्यक्रम भारत की हरित क्रांति के जनक प्रोफेसर एमएस स्वामीनाथन की 100वीं जयंती के मौके पर आयोजित किया गया था।

PM मोदी का दो टूक संदेश

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा:“हमारे लिए अपने किसानों का हित सर्वोच्च प्राथमिकता है। भारत अपने किसानों, पशुपालकों और मछुआरे भाई-बहनों के हितों के साथ कभी समझौता नहीं करेगा। मुझे पता है कि इसके लिए मुझे कीमत चुकानी पड़ सकती है, लेकिन मैं तैयार हूं।”

उन्होंने यह भी बताया कि सरकार किसानों की आय बढ़ाने, खेती की लागत घटाने और नए आय स्रोत बनाने पर लगातार काम कर रही है।“हमारी सरकार ने किसानों की ताकत को देश की प्रगति का आधार माना है।” – पीएम मोदी

ट्रंप ने क्यों बढ़ाया टैरिफ?

भारत और अमेरिका के बीच बीते कुछ समय से व्यापार समझौते (ट्रेड डील) को लेकर बातचीत चल रही थी। अमेरिका चाहता है कि भारत कृषि और डेयरी क्षेत्र में अमेरिकी उत्पादों के लिए बाजार खोले, लेकिन भारत किसानों के हितों का हवाला देते हुए इस पर सहमत नहीं हुआ।

इसका एक और कारण यह भी माना जा रहा है कि भारत ने रूस से तेल की खरीद बढ़ाई है, जिससे अमेरिका नाराज़ है। राष्ट्रपति ट्रंप ने पहले चेतावनी दी थी और अब 6 अगस्त को भारत पर 50 प्रतिशत तक का अतिरिक्त टैरिफ लगाने के आदेश पर हस्ताक्षर कर दिए हैं।

भारत की रणनीति क्या होगी?

भारत सरकार की ओर से फिलहाल आधिकारिक तौर पर कोई कड़ा जवाब नहीं आया है, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी के बयान को अमेरिका के दबाव को सीधे तौर पर ठुकराने के रूप में देखा जा रहा है।

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भारत की स्थिति स्पष्ट है—किसानों, पशुपालकों और मछुआरों के हितों के साथ कोई भी अंतरराष्ट्रीय समझौता नहीं किया जाएगा, भले ही उसके लिए देश को टैरिफ जैसी सजा झेलनी पड़े।

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