जुबिली न्यूज डेस्क
खंडवा, मध्यप्रदेश के खंडवा जिले में एक आदिवासी महिला के साथ हुई गैंगरेप और बर्बरता की वारदात ने पूरे प्रदेश को झकझोर कर रख दिया है। यह दर्दनाक घटना 23 मई की रात खंडवा से करीब 90 किलोमीटर दूर रोशनी पुलिस चौकी क्षेत्र में हुई। महिला की मौत शनिवार दोपहर को अत्यधिक रक्तस्राव के कारण हो गई।
घटना का दिल दहला देने वाला विवरण
पुलिस रिपोर्ट के अनुसार, पीड़िता के साथ दो आरोपियों — हरि (40) और सुनील (35) — ने सामूहिक बलात्कार किया। यौन उत्पीड़न के बाद आरोपी हरि ने पीड़िता के शरीर में हाथ डाल दिया, जिससे उसकी आंत बाहर आ गई। आरोपी ने आंत को वापस डालने की कोशिश की, लेकिन वह असफल रहा। इस अमानवीय क्रूरता के कारण अत्यधिक रक्तस्राव हुआ और पीड़िता की मौत हो गई।
आरोपी गिरफ्तार, केस दर्ज
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दोनों आरोपी आदिवासी समुदाय से हैं और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है।
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पुलिस ने उनके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा:
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66 (ऐसी चोट जिससे मृत्यु हो),
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70(1) (सामूहिक बलात्कार),
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103(1) (हत्या की सजा) के तहत मामला दर्ज किया है।
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पुलिस को घटनास्थल से कोई हथियार (छड़ आदि) नहीं मिला है, लेकिन खून से सना हुआ बेड रोल जब्त किया गया है। आरोपी की रिमांड लेकर विस्तृत पूछताछ की जा रही है।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार
जांच अधिकारी जगदीश सिंधिया ने बताया कि प्रारंभिक जांच में महिला के गर्भाशय को कोई क्षति नहीं हुई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है जिससे और जानकारी सामने आ सकेगी।
राजनीतिक और सामाजिक आक्रोश
इस जघन्य अपराध पर प्रदेश की राजनीति में भी हलचल मच गई है।
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कांग्रेस नेता मीनाक्षी नटराजन ने घटना को ‘आदिवासी निर्भया’ बताया और कहा, “सरकार की चुप्पी शर्मनाक है।”
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कांग्रेस सहित कई सामाजिक संगठनों ने आरोपियों को फास्ट ट्रैक कोर्ट के जरिए फांसी की सजा देने की मांग की है।
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सवालों के घेरे में आदिवासी महिलाओं की सुरक्षा
इस घटना ने प्रदेश में आदिवासी महिलाओं की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। हाल के वर्षों में लगातार सामने आ रही हिंसक घटनाएं बताती हैं कि जमीनी स्तर पर कानून-व्यवस्था की स्थिति बेहद चिंताजनक है।