Thursday - 7 August 2025 - 1:43 PM

हरियाणा में आयुष्मान कार्ड पर इलाज बंद! ये वजह आई सामने

जुबिली न्यूज डेस्क 

हरियाणा इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने आयुष्मान भारत योजना को लेकर बड़ा फैसला लेते हुए बुधवार रात 12 बजे से आयुष्मान कार्ड धारकों का इलाज स्थगित करने का एलान किया है। IMA का कहना है कि केंद्र और राज्य सरकारों पर करीब 490 करोड़ रुपये के बकाया बिल लंबित हैं, और जब तक ये भुगतान नहीं किया जाता, प्राइवेट अस्पताल इलाज नहीं करेंगे।

IMA हरियाणा के मुताबिक, सरकार के साथ कई बार बैठकें हुईं, लेकिन किसी भी बातचीत से समाधान नहीं निकल पाया। IMA का यह फैसला प्रदेश के 600 से ज्यादा निजी अस्पतालों और गुरुग्राम के लगभग 40 छोटे-बड़े अस्पतालों में लागू होगा, जिससे करोड़ों आयुष्मान कार्डधारकों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा।

क्या है मामला?

IMA ने बताया कि हाल ही में एक ऑनलाइन मीटिंग में ACS स्वास्थ्य सुधीर राजपाल और आयुष्मान भारत हरियाणा हेल्थ अथॉरिटी के पदाधिकारियों से बात हुई। अधिकारियों ने जानकारी दी कि मंगलवार को 245 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं, जिनमें से 175 करोड़ हरियाणा सरकार और 70 करोड़ केंद्र सरकार ने जारी किए हैं।

लेकिन IMA का कहना है कि यह रकम कुल बकाया 490 करोड़ रुपये के मुकाबले बहुत कम है। जब इस फंड को अपर्याप्त बताया गया, तो अधिकारियों ने कहा कि 22 अगस्त को हरियाणा विधानसभा के मानसून सत्र में अनुपूरक बजट पेश किया जाएगा।

हालांकि, वो ये नहीं बता सके कि कितना बजट मांगा जाएगा और कितना पास होगा। साथ ही IMA की ब्याज देने की मांग को भी खारिज कर दिया गया।

MOU के उल्लंघन का आरोप

IMA ने सरकार को याद दिलाया कि MOU के तहत भुगतान में देरी पर ब्याज देना अनिवार्य है। लेकिन सरकार ने यह मांग मानने से इनकार कर दिया। इसी कारण IMA ने सभी अनुबंधित अस्पतालों के साथ बैठक कर आयुष्मान योजना को स्थगित करने का निर्णय लिया।

आयुष्मान कार्डधारकों को झटका

IMA के इस फैसले के बाद, अब आयुष्मान कार्ड रखने वाले मरीजों को प्रदेश के निजी अस्पतालों में न तो मुफ्त इलाज मिलेगा, न ही रियायत। इससे गरीब और जरूरतमंद मरीजों पर सीधा असर पड़ेगा, जो इस योजना के तहत अपना इलाज करवाते थे।

क्या कहते हैं सरकारी आंकड़े?

लोकसभा में 1 अगस्त को पूछे गए सवाल के जवाब में सरकार ने बताया कि प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (AB-PMJAY) पूरी तरह से सरकार द्वारा वित्त पोषित है। इसका खर्च केंद्र और राज्य सरकारों के बीच 60:40 के अनुपात में बांटा जाता है।

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2024-25 में केंद्र ने हरियाणा को 607.73 करोड़ रुपये जारी किए हैं। अब तक राज्य में 1.35 करोड़ आयुष्मान कार्ड बनाए जा चुके हैं।

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