जुबिली स्पेशल डेस्क
एशिया कप 2025 के फाइनल में भारत और पाकिस्तान के बीच जबरदस्त मुकाबला देखने को मिला। टीम इंडिया ने पाकिस्तान को 5 विकेट से हराकर एशिया का खिताब अपने नाम किया। इस जीत में सबसे बड़ा योगदान रहा तिलक वर्मा का, जिन्होंने नाबाद 69 रन की पारी खेलकर टीम को शुरुआती झटकों के बावजूद मुकाबले में बनाए रखा।
मैच के बाद पुरस्कार वितरण समारोह में ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ का अवॉर्ड लेते हुए तिलक ने कहा, “दबाव था, लेकिन मैं संयम के साथ खेलने की कोशिश कर रहा था। यह मेरे करियर की सबसे खास पारियों में से एक है। हम हर क्रम पर बल्लेबाजी के लिए तैयार रहते हैं। मुझे अपने खेल पर पूरा भरोसा था। विकेट धीमे थे, इसलिए मैंने गौती सर से सलाह ली और उनके साथ मेहनत की।”
तिलक ने संजू सैमसन और शिवम दुबे की भी जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा, “सैमसन की शानदार पारी ने टीम को संभाला और दुबे ने दबाव में जिस तरह से खेला, वह टीम के लिए बेहद जरूरी था। दोनों की मदद से ही हम चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में भी टिके रहे।”
तिलक वर्मा की कहानी संघर्ष और मेहनत की मिसाल है। हैदराबाद के रहने वाले तिलक के पिता नम्बूरी नागराजू इलेक्ट्रिशियन थे और घर का खर्च मुश्किल से चलता था।
इसके बावजूद उन्होंने कभी तिलक की क्रिकेट ट्रेनिंग में कोई कमी नहीं आने दी। छोटे समय में ही तिलक को क्रिकेट के प्रति गहरी लगन थी।

घरेलू क्रिकेट में लगातार बेहतरीन प्रदर्शन के बाद तिलक वर्मा की प्रतिभा पर मुंबई इंडियंस की नजर पड़ी। 2022 में हुए आईपीएल मेगा ऑक्शन में उन्हें मुंबई ने 1 करोड़ 70 लाख रुपये की राशि में टीम में शामिल किया। कभी उधार की किट में खेलकर ग्राउंड पर उतरने वाला यह युवा खिलाड़ी अब एशिया कप के फाइनल में भारत को विजेता बनाने का गौरव हासिल कर चुका है।
इस जीत के साथ भारत ने 41 साल के एशिया कप इतिहास में 9वीं बार खिताब अपने नाम किया। पाकिस्तान के खिलाफ फाइनल में भारत का प्रदर्शन शानदार रहा, और टीम ने अपने अजेय सफर को कायम रखते हुए लगातार सातवें मैच में जीत हासिल की।
तिलक वर्मा की पारी न केवल खेल के लिहाज से यादगार रही, बल्कि यह उनके संघर्ष और समर्पण की कहानी को भी उजागर करती है। छोटे घर से लेकर एशिया कप के फाइनल तक का सफर उनके दृढ़ संकल्प और मेहनत की मिसाल है।
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