जुबिली न्यूज डेस्क
चीन के तियानजिन में हो रहे शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की। इस बैठक में पीएम मोदी ने आतंकवाद के मुद्दे पर भारत की गंभीरता जताते हुए कहा कि भारत लंबे समय से आतंकवाद का दंश झेल रहा है।
हालांकि, पीएम मोदी और जिनपिंग की बातचीत पर कांग्रेस ने केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया। कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने सवाल उठाते हुए कहा,“जो चीन पहले पाकिस्तान के साथ मिलकर भारत के खिलाफ षड्यंत्र करता रहा है, वह आज पीएम मोदी का दोस्त कैसे बन गया? यह कहना कि चीन भी आतंकवाद से पीड़ित है और हम साथ मिलकर इसका मुकाबला करेंगे, इससे ज्यादा दुर्भाग्यपूर्ण और शर्मनाक बयान और क्या हो सकता है?”
खेड़ा ने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के सलाहकार पीटर नवारो द्वारा ‘ब्राह्मण’ को लेकर की गई टिप्पणी की भी कड़ी निंदा की और कहा कि अमेरिका को इस तरह के बेबुनियाद बयान नहीं देने चाहिए।
जयराम रमेश का हमला: “ड्रैगन के सामने झुकना”
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने X (पूर्व ट्विटर) पर लिखा,“पीएम मोदी ने जिनपिंग से कहा कि भारत और चीन दोनों आतंकवाद का सामना कर रहे हैं। यह यदि ड्रैगन के सामने झुकना नहीं है तो और क्या है? इससे ज्यादा राष्ट्र-विरोधी बात यह है कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान चीन और पाकिस्तान की जुगलबंदी पर पीएम मोदी ने एक शब्द नहीं बोला, जबकि इसका खुलासा खुद भारतीय सेना के टॉप अधिकारियों ने किया था।”
उन्होंने आगे पीएम मोदी पर व्यंग्य करते हुए लिखा,“56 इंच का सीना अब बेनकाब हो गया। 19 जून 2020 को चीन को क्लीन चिट देने के बाद अब 31 अगस्त 2025 भी तियानजिन में उनके कायरतापूर्ण दंभ के लिए बदनामी के दिन के रूप में याद किया जाएगा।”
कांग्रेस का आरोप: “कायरतापूर्ण तरीके से घुटने टेकना”
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री ने जिनपिंग से मुलाकात में ऑपरेशन सिंदूर के मुद्दे पर चुप्पी साधी और चीन-पाकिस्तान की नजदीकी पर कोई आपत्ति दर्ज नहीं की। पार्टी ने इसे राष्ट्रहित के खिलाफ बताते हुए कहा कि यह कदम कायरतापूर्ण तरीके से घुटने टेकने जैसा है।