जुबिली स्पेशल डेस्क
विश्व क्रिकेट में भारतीय क्रिकेट का डंका बजता हुआ एक बार फिर नजर आ रहा है। दरअसल जय शाह इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल के नये बॉस बन गए है।
बीते कुछ दिनों से चली आ रही अटकलों के बीच आज जय शाह के आईसीसी के चेयरमैन बन बनने का रास्ता उस वक्त साफ हो गया जब बीसीसीआई के मौजूदा सचिव जय शाह को आईसीसी के चेयरमैन पद के लिए निर्विरोध चुन लिया गया है।
इस तरह से जय शाह चेयरमैन ग्रेग बार्कले की जगह लेंगे, जिनका कार्यकाल नवंबर में खत्म हो जाएगा। इसके साथ ही जय शाह सिर्फ 35 साल के शाह आईसीसी के इतिहास के सबसे युवा चेयरमैन होंगे। बीसीसीआई के सचिव के तौर पिछले पांच सालों तक अपनी सेवाएं दी है।
ऐसे में बड़ा सवाल है कि बीसीसीआई का अगला सचिव कौन होगा। ऐसे तो इसमें कई नाम है लेकिन राजीव शुक्ला सबसे तगड़े दावेदार माने जा रहे हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कुछ नाम सामने आए हैं, जिन्हें बीसीसीआई सचिव पद सौंपा जा सकता है। इसमें सबसे पहला नाम राजीव शुक्ला आता है क्योंकि उनके पास क्रिकेट को चलाने का अच्छा अनुभव है और वो बीसीसीआई में काफी समय से काम कर रहे हैं और बीसीसीआई पदों में फेरबदल करते हुए मौजूदा उपाध्यक्ष और राज्यसभा में कांग्रेस के सांसद राजीव शुक्ला को बीसीसीआई का नया सचिव बना दिया जाये तो इसमें किसी को कोई हैरानी नहीं होनी चाहिए।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक राजीव शुक्ला के राजनेता हों या बिजनेसमैन या फिर क्रिकेटर सभी से अच्छे रिश्ते है इसी वजह से शुक्ला कई बार कह चुके हैं कि मेरे लिए दोस्तों से ज्यादा आसान दुश्मनों को गिनना है। क्योंकि मेरे दुश्मन बहुत कम हैं। अपनी इन्हीं खूबियों के चलते राजीव शुक्ला बीते करीब दो दशक से BCCI में जमे हुए हैं। चाहे शरद पवार रहे हों या जगमोहन डालमिया या शशांक मनोहर या एन श्रीनिवासन या फिर अनुराग ठाकुर सभी के दौर में शुक्ला बने रहे और सभी के लिए संकटमोचक की भूमिका निभाते रहे।
मौजूदा उपाध्यक्ष और राज्यसभा में कांग्रेस के सांसद शुक्ला को एक साल के लिए यह काम करने के लिए कहे। शुक्ला को निश्चित रूप से सचिव बनने में कोई आपत्ति नहीं होगी।
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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक राजीव शुक्ला के राजनेता हों या बिजनेसमैन या फिर क्रिकेटर सभी से अच्छे रिश्ते है इसी वजह से शुक्ला कई बार कह चुके हैं कि मेरे लिए दोस्तों से ज्यादा आसान दुश्मनों को गिनना है। क्योंकि मेरे दुश्मन बहुत कम हैं। अपनी इन्हीं खूबियों के चलते राजीव शुक्ला बीते करीब दो दशक से BCCI में जमे हुए हैं। चाहे शरद पवार रहे हों या जगमोहन डालमिया या शशांक मनोहर या एन श्रीनिवासन या फिर अनुराग ठाकुर सभी के दौर में शुक्ला बने रहे और सभी के लिए संकटमोचक की भूमिका निभाते रहे।