Sunday - 7 January 2024 - 6:13 AM

तीसरी लहर अवश्यंभावी है तो अभी से सचेत हो जाएं

कृष्णमोहन झा

लगभग एक माह पूर्व दक्षिण अफ्रीका में मिले कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रान ने अब तक दुनिया के साठ से अधिक देशों को अपनी चपेट में ले लिया है ।

भारत में भी 16 से अधिक राज्यों में ओमिक्रान पांव पसार चुका है और वहां ओमिक्रान संक्रमण के तीन सौ से अधिक मामले सामने आ चुके हैं ।

साथ ही यह आशंका भी बराबर बनी हुई है कि आने वाले दिनों में यह संख्या तेजी से बढ़ सकती है क्योंकि वैज्ञानिकों ने पहले ही यह चेतावनी दे दी है कि ओमिक्रान वैरिएंट से संक्रमण की रफ्तार डेल्टा वैरिएंट की तुलना में दस गुना भी हो सकती है।

 

यद्यपि वैज्ञानिकों की इस चेतावनी के बीच सुकून देने वाली यह खबर‌ भी आ रही है कि कोरोनावायरस के ओमिक्रान वेरिएंट के संक्रमण ‌‌की डरावनी रफ्तार के बावजूद ओमिक्रान वैरिएंट से संक्रमित लगभग सभी लोग स्वस्थ हो कर घर लौट रहे हैं।

लेकिन हमें यह भी ध्यान में रखना होगा कि दक्षिण अफ्रीका के माध्यम से सारी दुनिया को ओमिक्रान वेरिएंट का पता चलने के बाद अभी मात्र एक माह ही हुआ है। इतने कम समय में ही अनेक विकसित देशों में ओमिक्रान का सामुदायिक संक्रमण तेजी फैलने की खबरें भी मिलने लगी हैं।

अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देशों में ओमिक्रान संक्रमितों की संख्या में जिस तेज रफ्तार से इजाफा हो रहा है उसने वहां की सरकारों को चिंता में डाल दिया है। ब्रिटेन में कोरोना संक्रमण के एक लाख मामले रोज मिल रहे हैं। आस्ट्रेलिया में भी इसी गति से संक्रमण फैलने की आशंका ने वहां की सरकार को चिंता में डाल रखा है ।

भारत में भी अब यह आशंका व्यक्त की जाने लगी है कि कोरोना की तीसरी लहर अवश्यंभावी है और नए साल के शुरुआती एक दो महिनों में ही ओमिक्रान वेरिएंट का बढ़ता संक्रमण कोरोनावायरस की तीसरी लहर में बदल सकता है।

चिकित्सकों के अखिल भारतीय संगठन इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष डा जे एस जयलाल ने कोरोना की तीसरी लहर के खतरे के प्रति सचेत करते हुए कहा है कि हमें कोरोना की तीसरी लहर के खतरे को देखते हुए अधिक से अधिक सतर्कता बरतने की आवश्यकता है ।

इसके साथ ही इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने चिकित्सकों , स्वास्थ्य कर्मियों और सफाई कर्मियों सहित सभी फ्रंटलाइन वर्कर्स और गंभीर बीमारियों से ग्रस्त 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को वैक्सीन की बूस्टर देने और बच्चों के लिए टीकाकरण अभियान जल्द प्रारंभ करने की आवश्यकता जताई है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में गत दिवस संपन्न हुई उच्च स्तरीय बैठक में कोरोना की तीसरी लहर आने की स्थिति में उसका सामना करने के लिए प्रभावी रणनीति पर विचार किया गया । इसीलिए तारतम्य में ‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌केंद्र सरकार की ओर से सभी राज्य सरकारों को कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए अभी से सारी तैयारियां करने के लिए कहा गया है ।

प्रधानमंत्री ने सभी राज्य सरकारों से शीघ्रतिशीघ्र वयस्कों के पूर्ण टीकाकरण का लक्ष्य अर्जित की आवश्यकता पर बल दिया है। कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए केंद्र की ओर से राज्य सरकारों को सभी एहतियाती कदम उठाने के लिए एडवाइजरी भी जारी कर दी गई है।

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मध्यप्रदेश में शिवराज सरकार ने 36 दिनों के बाद एक बार फिर तत्काल प्रभाव से रात्रि कालीन कर्फ्यू लागू करने की घोषणा कर दी है। ओमिक्रान को नियंत्रित रखने के लिए इसी तरह के कदम दूसरे राज्यों की सरकारों के द्वारा भी उठाए जा सकते हैं।

कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के चलते दिल्ली सरकार ने क्रिसमस और नए साल के मौके पर भीड़ भरे आयोजनों को प्रतिबंधित कर दिया है । नीति आयोग के सदस्य वी के पाल पहले ही यह कह चुके हैं कि सरकार ओमिक्रान वेरिएंट के प्रभावों का बारीकी से अध्ययन कर रही है।

वी के पाल ने स्वीकार किया है कि यदि ओमिक्रा न के स्वरूप में और बदलाव होता है तो वह चिंता का विषय बन सकता है । एम्स के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया का मानना है कि टीकाकरण और कोविड प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन ही ओमिक्रान से बचाव का एकमात्र उपाय है ।

यहां यह भी विशेष ध्यान देने योग्य बात है कि अनेक देशों में अभी भी कोरोना का डेल्टा वैरिएंट संक्रमण फैला रहा है और अब इसका ओमिक्रान वेरिएंट डेल्टा वैरिएंट से भी ज्यादा भयावह रफ्तार से संक्रमण फैलाने लगा है।

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डेल्टा और ओमिक्रान वेरिएंट का संक्रमण एक साथ फैलने से जो स्थिति निर्मित हुई है उसे यूरोपीय देशों में डेल्मीक्रान लहर का नाम दिया जा रहा है और अब भारत में भी डेल्टा वैरिएंट के साथ ही अगर ओमिक्रान से संक्रमण के मामले बढ़ते हैं तो यहां भी डेल्मीकान लहर की मौजूदगी का अहसास होने लगेगा।

इसमें कोई संदेह नहीं कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए जिस तरह अभी से राज्य सरकारों को सचेत कर दिया है उसके कारण ओमिक्रान वेरिएंट के दुष्प्रभावों की आशंकाएं क्षीण हो सकती हैं परंतु हमें हर स्थिति के लिए तैयार रहने की अपरिहार्यता को समझना होगा ।

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कोरोना वैक्सीन की बूस्टर डोज और बच्चों का भी टीकाकरण प्रारंभ करने के जो सुझाव चिकित्सा विशेषज्ञों और वैज्ञानिकों के द्वारा केंद्र सरकार को दिए जा रहे हैं उनकी उपादेयता पर भी विचार करने का समय आ चुका है ।

केंद्र सरकार अभी इस संबंध में संभवतः विश्व स्वास्थ्य संगठन के निर्देशों की प्रतीक्षा कर रही है । ऐसा प्रतीत होता है कि स्वास्थ्य संगठन भी शायद अभी यह तय नहीं कर पाया है कि ‌ओमिक्रान वैरिएंट मानवजाति के लिए कितना घातक हो सकता है लेकिन सभी देश इस बारे में एकमत हैं कि टीकाकरण और कोविड प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन ही ओमिक्रान से सुरक्षा दिला सकता है।

यहां यह भी गौर करने लायक बात है कि देश के अधिकांश राज्यों की आबादी जब कोरोना की दूसरी लहर की विभीषिका से जूझ रही थी तब पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों की प्रक्रिया प्रगति पर थी और उस समय‌ भीड़ भरी चुनाव रैलियों को लेकर मद्रास हाई कोर्ट ने राजनीतिक दलों और चुनाव आयोग के विरुद्ध कठोर टिप्पणियां की थीं जिसके बाद पश्चिम बंगाल में सभी दलों ने अपनी चुनाव रैलियों को रद्द करने का फैसला किया था।

आज एक बार फिर वही स्थिति निर्मित हो चुकी है । अगले साल की पहली छमाही में जब पुनः देश के पांच राज्यों की विधानसभाओं के चुनाव संपन्न होने जा रहे हैं तब ओमिक्रान वैरिएंट के कारण कोरोना की तीसरी लहर को वैज्ञानिक अवश्यंभावी बता रहे हैं।

इलाहाबाद हाइकोर्ट ने तो ओमिक्रान वैरिएंट के संक्रमण की तेज रफ्तार को देखते हुए उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव टालने का सुझाव दिया है।

इलाहाबाद हाइकोर्ट ने राजनीतिक दलों से कहा है कि वे बड़ी बड़ी चुनाव रैलियों का आयोजन करने के बजाय इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों और समाचार पत्रों के जरिए चुनाव प्रचार करें।

इलाहाबाद हाइकोर्ट का सुझाव निश्चित रूप से स्वागतेय है जिसे सभी राजनीतिक दलों को मानना चाहिए ताकि उनकी भीड़ भरी चुनाव रैलियां उन राज्यों में ओमिक्रान के संक्रमण का विस्तार का कारण न सकें।

(लेखक IFWJ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और डिज़ियाना मीडिया समूह के राजनैतिक संपादक है)

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