जुबिली न्यूज डेस्क
अफगानिस्तान पर तालिबान को कब्जा किए 20 दिन से अधिक समय हो गया है, बावजूद इसके अब तक वह सरकार की घोषणा नहीं कर सका है।
लेकिन ताजपोशी समारोह में शामिल होने के लिए तालिबान ने छह अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों को पहले ही निमंत्रण दे दिया है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार तालिबान ने उद्घाटन समारोह के लिए रूस, चीन, तुर्की, ईरान, पाकिस्तान और कतर को न्योता भेजा है।
पिछली बार जब तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा किया था तो उसकी सरकार को सिर्फ तीन देशों ने मान्यता दी थी। ये देश सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और पाकिस्तान थे। लेकिन इस बार तालिबान सरकार को दुनिया में एकदम से अलग-थलग रहने की संभावना बेहद कम है।
यह भी पढ़े : बंगाल में भाजपा को बड़ा झटका दे सकती हैं ममता
यह भी पढ़े : अफगानिस्तान में पाक के दखल से भड़के नागरिक, ISI चीफ का हो रहा विरोध
यह भी पढ़े : चिराग से बंगला खाली करने के लिए कहा गया तो लगवा दी पिता की मूर्ति
तालिबान के अब कई देशों के संबंध हैं और कई देशों से संबंध बन रहे हैं। हालांकि अधिकतर देश अभी तालिबान को मान्यता देने से पहले ‘वेट एंड वॉच’ की नीति अपना रहे हैं।
तालिबान का पुराना समर्थक है पाक
अफगानिस्तान और अमेरिका के साथ सालों से जारी युद्ध में पाकिस्तान ही एक मात्र ऐसा देश रहा है जो तालिबान का समर्थक है। अमेरिका भी यह मानता है कि पाक में अगर तालिबान का ‘मुख्यालय’ नहीं होता तो विदेशी ताकतों का अफगानिस्तान में ऐसा अंत न होता।
तालिबान हमेशा से पाकिस्तान को अपना दूसरा घर बताता रहा है। हाल ही पाकिस्तान के केंद्रीय मंत्री ने कहा था कि पाकिस्तान, तालिबान का ‘संरक्षक’ रहा है और लंबे समय तक उनकी देखभाल की है। पाकिस्तान, तालिबान शासन को मान्यता देने वाला सबसे पहला देश हो सकता है।
यह भी पढ़े : शिवसेना ने जावेद अख्तर को दिया जवाब, कहा-RSS की विचारधारा…
यह भी पढ़े : तालिबान ने पंजशीर को पूरी तरह अपने कब्जे मे लेने का किया दावा
यह भी पढ़े : खूनी चीखों के मध्य गूंजते राजनैतिक ठहाके
Jubilee Post | जुबिली पोस्ट News & Information Portal
