जुबिली न्यूज डेस्क
संसद का शीतकालीन सत्र इस बार 1 दिसंबर से 19 दिसंबर 2025 तक चलेगा। इस दौरान कुल 15 बैठकें होंगी। संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू ने शनिवार को इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सत्र आयोजित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। रिजिजू ने कहा कि सरकार एक “रचनात्मक और सार्थक सत्र” की उम्मीद कर रही है, जो लोकतंत्र को और मजबूत करेगा।

मतदाता सूची और चुनावी मुद्दों पर सरकार को घेरने की तैयारी
इस बार का सत्र अन्य सत्रों की तुलना में छोटा रहेगा, लेकिन राजनीतिक दृष्टि से अहम माना जा रहा है। बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों का असर संसद के माहौल पर दिख सकता है। विपक्ष देशभर में चल रहे मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण अभियान (SIR) को लेकर सरकार को घेर सकता है। खास तौर पर हरियाणा और महाराष्ट्र में कथित मतदान गड़बड़ियों पर विपक्ष हमलावर रुख अपनाने की तैयारी में है। बताया जा रहा है कि SIR का पहला चरण बिहार में आयोजित किया गया था, जिसे लेकर कई दलों ने सवाल उठाए थे।
सरकार के एजेंडे में कई अहम बिल
इस सत्र में सरकार कई महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित कराने की कोशिश करेगी। इनमें —
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संविधान (129वां और 130वां संशोधन) विधेयक,
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जन विश्वास (Jan Vishwas) विधेयक,
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इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी (Insolvency & Bankruptcy) विधेयक
जैसे प्रस्तावित कानून शामिल हैं।
इन बिलों को लेकर संसदीय कार्य में तीखी बहस होने की संभावना है।
पिछला सत्र रहा हंगामेदार
इससे पहले मानसून सत्र 21 जुलाई से 21 अगस्त 2025 तक चला था। 32 दिनों में संसद की 21 बैठकें हुईं और दोनों सदनों ने 15 विधेयक पारित किए थे। हालांकि, पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च की रिपोर्ट के अनुसार, उस दौरान सत्र का दो-तिहाई हिस्सा हंगामे की भेंट चढ़ गया था।
2013 के बाद सबसे छोटा शीतकालीन सत्र
इस बार का सत्र लगभग 19 दिनों का होगा, जिसमें 15 कार्य दिवस निर्धारित हैं। इससे पहले 2013 में भी ऐसा ही छोटा शीतकालीन सत्र हुआ था, जो 5 दिसंबर से 18 दिसंबर तक चला था और उसमें केवल 11 बैठकें हुई थीं।
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किरन रिजिजू का बयान
किरन रिजिजू ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा — “भारत की माननीय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी ने 1 दिसंबर 2025 से 19 दिसंबर 2025 तक संसद का शीतकालीन सत्र आयोजित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। हम एक रचनात्मक और सार्थक सत्र की उम्मीद करते हैं, जो लोकतंत्र को मजबूत करे और जनता की आकांक्षाओं को पूरा करे।”
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