प्रमुख संवाददाता
नई दिल्ली. 47 दिन से जारी किसान आन्दोलन को लेकर केन्द्र सरकार के रुख से सुप्रीम कोर्ट खुश नहीं है. सुप्रीम कोर्ट में नये कृषि कानूनों को लेकर सुनवाई चल रही है. इस सुनवाई के दौरान भारत के मुख्य न्यायाधीश ने केन्द्र सरकार से साफ़ तौर पर कहा है कि सरकार किसान आन्दोलन को जिस तरह से हैंडल कर रही है हम उससे खुश नहीं हैं. सर्वोच्च अदालत ने दो टूक कहा है कि सरकार क़ानून पर रोक लगाए वर्ना यह काम हम कर देंगे.
सरकार की तरफ से कोर्ट में अटार्नी जनरल ने कहा कि कोर्ट क़ानून पर तब तक रोक नहीं लगा सकता जब तक कि किसी के मूल अधिकार का हनन न हो रहा हो. किसी ने भी यह बात नहीं कही है. इसके अलावा बहुत से किसान नये कानूनों का समर्थन भी कर रहे हैं.

सर्वोच्च अदालत ने कहा कि किसानों के मामले में सरकार का जो रवैया है उससे हम बहुत नाराज़ हैं. अदालत ने कहा कि हम इन कानूनों को रोकने की हालत में हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जो हालात हैं उससे हिंसा भड़क सकती है. सरकार को फ़ौरन कानूनों पर रोक लगानी चाहिए. इस पर अटार्नी जनरल ने बताया कि किसान तो 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस परेड में दो हज़ार ट्रैक्टर की रैली निकालने वाले हैं ताकि सरकार द्वारा किये जा रहे समारोह को डैमेज किया जा सके.
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सुप्रीम कोर्ट ने इस बात से इनकार किया कि किसान गणतंत्र दिवस परेड को डैमेज करना चाहते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि फिलहाल हम नए कृषि कानूनों के अमल पर रोक लगा रहे हैं.
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