Monday - 29 September 2025 - 11:45 AM

बुढ़ापे की लाठी: भारत के वरिष्ठ नागरिकों को क्या मिलता है और उन्हें क्या मिलना चाहिए

अशोक कुमार

अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस 2025, 1 अक्टूबर 2025 को मनाया जाएगा। यह दिन संयुक्त राष्ट्र द्वारा समाज में वृद्ध लोगों के योगदान को स्वीकार करने और वृद्धजनों को प्रभावित करने वाले मुद्दों पर जागरूकता फैलाने के लिए हर साल मनाया जाता है।

अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस के अवसर पर, भारत सरकार और विभिन्न राज्य सरकारें वरिष्ठ नागरिकों के लिए विशेष कार्यक्रमों का आयोजन करती हैं और उनकी कल्याणकारी योजनाओं को प्रमुखता से उजागर करती हैं।

यह दिन कोई नई सुविधाएँ शुरू करने का दिन नहीं है, बल्कि मौजूदा सुविधाओं और अधिकारों के बारे में जागरूकता बढ़ाने का एक मंच है। 2025 में भी, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय तथा अन्य संगठन इसी दिशा में कार्य करेंगे।

भारतवर्ष में वृद्धजनों (वरिष्ठ नागरिकों) के लिए सरकार द्वारा कई स्तरों पर सुविधाएं और कल्याणकारी योजनाएं चलाई जाती हैं, लेकिन वैश्विक मानकों और बढ़ती जरूरतों को देखते हुए, सुधार और नई पहल की गुंजाइश हमेशा बनी रहती है।

 भारत में वर्तमान में वृद्धजनों को दी जाने वाली प्रमुख सुविधाएँ

वरिष्ठ नागरिकों को सशक्त बनाने और उन्हें सुरक्षा प्रदान करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा निम्नलिखित प्रमुख सुविधाएँ दी जाती हैं:

क्षेत्र वर्तमान सुविधाएँ और योजनाएँ
वित्तीय सुरक्षा

1. वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (SCSS): बैंक और डाकघरों में जमा पर सामान्य से अधिक ब्याज दर। |
2. प्रधानमंत्री वय वंदना योजना (PMVVY): 60+ के लिए एक पेंशन सह बीमा योजना।
3. आयकर में छूट: 60 से 80 वर्ष के लिए उच्च कर छूट सीमा, और 80 वर्ष से अधिक के लिए उच्चतम छूट सीमा।
4. अटल पेंशन योजना (APY): असंगठित क्षेत्र के लिए मासिक पेंशन की गारंटी। |

सामाजिक सुरक्षा योजना

1. इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना (IGNOAPS): गरीबी रेखा से नीचे के 60 वर्ष से अधिक आयु वालों को मासिक पेंशन।
2. अन्नपूर्णा योजना: उन बेसहारा वरिष्ठ नागरिकों को 10 किलो मुफ्त खाद्यान्न जो किसी पेंशन योजना में शामिल नहीं हैं।
3. वृद्धाश्रम/डे केयर सेंटर: NGOs को एकीकृत कार्यक्रम के तहत वित्तीय सहायता प्रदान करना।

स्वास्थ्य एवं देखभाल

1. आयुष्मान भारत योजना: 70 वर्ष से अधिक उम्र के सभी वरिष्ठ नागरिकों (गरीब-अमीर सभी) के लिए ₹5 लाख तक का मुफ्त स्वास्थ्य बीमा (यह योजना 2024 में घोषित हुई थी)।
2. जरा चिकित्सा विभाग (Geriatric Care): सरकारी अस्पतालों में जरा चिकित्सा (बुजुर्गों के विशेष स्वास्थ्य देखभाल) विभाग स्थापित करने के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम (NPHCE)।
3. प्राथमिकता: अस्पताल और डिस्पेंसरी में अलग कतार और प्राथमिकता के आधार पर इलाज। |

कानूनी सुरक्षा

1. माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण और कल्याण अधिनियम, 2007: यह कानून बच्चों को माता-पिता की देखभाल करने के लिए कानूनी रूप से बाध्य करता है। |
2. वरिष्ठ नागरिक हेल्पलाइन (Elderline): दुर्व्यवहार या सहायता के लिए टोल-फ्री राष्ट्रीय हेल्पलाइन (14567)।

यात्रा एवं आवागमन

1. रेलवे: आरक्षण में लोअर बर्थ का कोटा, प्राथमिकता बुकिंग और व्हीलचेयर सहायता। (कोविड के बाद अधिकांश रियायती किराए निलंबित हैं)।
2. हवाई यात्रा: एयर इंडिया द्वारा मूल किराए पर रियायत (60+ आयु)। 3. बैंक/डाकघर: वरिष्ठ नागरिकों के लिए अलग काउंटर और प्राथमिकता सेवा। |

आवश्यक और अपेक्षित सुविधाएँ जो दी जानी चाहिए

भारत में वृद्धजनों की बढ़ती आबादी और उनकी विशिष्ट चुनौतियों को देखते हुए, निम्नलिखित अतिरिक्त सुविधाओं और नीतिगत सुधारों की आवश्यकता है:

आवश्यक क्षेत्र , अपेक्षित सुविधाएँ (सुधार के लिए सुझाव)

1 आय और वित्तीय सुरक्षा
यूनिवर्सल पेंशन: सभी गरीब और जरूरतमंद वृद्धजनों के लिए न्यूनतम सम्मानजनक मासिक पेंशन (जैसे ₹3000-₹5000), जो महंगाई दर से जुड़ी हो। वर्तमान पेंशन राशि बहुत कम है। विश्वविद्यालयों के वित्तीय मॉडल की समीक्षा की जाए और फीस, अनुदान तथा स्वायत्त आय के बीच संतुलन स्थापित किया जाए ताकि वे केवल पेंशन के लिए सरकार पर पूरी तरह निर्भर न रहें।
1.2. विशेष सहायता पैकेज,ंशन दायित्वों को पूरा करने के लिए एक विशेष सहायता पैकेज या एक पेंशन कोष (Pension Fund) स्थापित किया जाए, जिसमें राज्य सरकार एकमुश्त या नियमित योगदान करे।
1.3. मानवीय दृषदृष्टिकोण , सरकार इस संकट को केवल वित्तीय बोझ के रूप में नहीं, बल्कि वृद्धजनों के मानवाधिकार और गरिमा के मुद्दे के रूप में देखना चाहिए और त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए। |
2. रेलवे रियायत की बहाली: रेलवे यात्रा में पहले दी जाने वाली किराए में रियायत को तत्काल बहाल करना। |
3. Reverse Mortgage को प्रोत्साहन: वृद्धजनों को अपनी संपत्ति बेचे बिना उससे नियमित आय प्राप्त करने की योजना को सरल और सुरक्षित बनाना।
स्वास्थ्य एवं दीर्घकालिक देखभाल |

1. दीर्घकालिक देखभाल बीमा: वृद्धावस्था में लगने वाली दीर्घकालिक देखभाल (जैसे नर्सिंग होम, सहायक देखभाल) के लिए विशेष सरकारी बीमा योजना की शुरुआत करना।
2. जरा-चिकित्सा विशेषज्ञों की उपलब्धता: प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (PHC) और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (CHC) तक जरा-चिकित्सा विशेषज्ञों और प्रशिक्षित नर्सों की अनिवार्य उपलब्धता सुनिश्चित करना। |
3. घर पर स्वास्थ्य सेवा (Home Healthcare): गंभीर रूप से बीमार या बिस्तर पर पड़े बुजुर्गों के लिए रियायती दरों पर सरकारी होम हेल्थकेयर सेवाओं की शुरुआत करना।

सामाजिक समावेशन एवं सुरक्षा

1. डिजिटल साक्षरता और सहायता: बैंक, सरकारी सेवाओं और स्वास्थ्य सेवाओं के लिए डिजिटल पहुँच में वृद्धजनों की सहायता हेतु हर क्षेत्र में समर्पित सहायता केंद्र (Helpline Kiosk) स्थापित करना।
2. ‘एज-फ्रेंडली’ शहर (Age-Friendly Cities): सार्वजनिक परिवहन, पैदल मार्ग, पार्क और सार्वजनिक शौचालयों को वृद्धजनों की शारीरिक जरूरतों के अनुरूप बाधा-मुक्त (Accessible) बनाना।
3. वृद्धजन कार्य ब्यूरो (Employment Bureau): 60+ के लिए उनके कौशल और अनुभव के आधार पर लचीले, अंशकालिक (Part-Time) रोजगार के अवसर प्रदान करने हेतु एक राष्ट्रीय मंच या ब्यूरो बनाना।

कानूनी क्रियान्वयन . भरण-पोषण अधिनियम का सख्त कार्यान्वयन: भरण-पोषण अधिनियम, 2007 के तहत मामलों के त्वरित निपटान के लिए विशेष ट्रिब्यूनल और प्रक्रियाओं को और अधिक प्रभावी बनाना।

इन अतिरिक्त और सुधारित सुविधाओं को प्रदान करके, भारत अपने वृद्धजनों के प्रति अपनी संवैधानिक प्रतिबद्धता को मजबूत कर सकता है और उन्हें सम्मान, सुरक्षा और सक्रिय भागीदारी वाला जीवन सुनिश्चित कर सकता है।

(लेखक कानपुर एवं गोरखपुर विश्वविद्यालय; पूर्व विभागाध्यक्ष, राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर के पूर्व कुलपति है)

Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com