जुबिली पोस्ट ब्यूरो
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के चित्रकूट से स्वतंत्रता दिवस की रात घर से अगवा किये गये खोवा व्यापारी किसान को यूपी- एमपी पुलिस के लिए चुनौती बने सात लाख के दुर्दांत इनामी डकैत बबुली कोल व लवलेश कोल ने फिरौती के बाद सोमवार की देर रात छोड़ दिया।
खोवा व्यापारी किसान को डकैत गिरोह ने मानिकपुर थाना क्षेत्र के करौंहा गांव के घनघोर जंगल में रिहा किया। पैदल चलकर किसी तरह से अपहृत रात दो बजे अपने घर पहुंचा।
सूत्रों की मानें तो डकैत गिरोह ने खोवा व्यापारी को मुक्त करने से पहले परिजनों से करीब पांच लाख की रकम बतौर फिरौती वसूली है। इधर लगातार पांच दिन तक पुलिस अपहृत को सकुशल मुक्त कराने का दावा करते हुए डकैत गिरोह की तलाश में सिर्फ पाठा के जंगलों में लकीर पीटती रही।
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सात लाख रुपये का इनामी डकैत बबुली कोल व उसके दायां हाथ ढाई लाख रुपये का इनामी लवलेश कोल ने स्वतंत्रता दिवस की रात करीब नौ बजे मानिकपुर थाना क्षेत्र के बरहा कोलान गांव से खोवा व्यापारी किसान बृजमोहन पांडेय को अगवा किया था। डकैत गिरोह व्यापारी व उसकी पत्नी गजरानी का मोबाइल भी साथ ले गए थे।
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इसके बाद घर के दरवाजे की बाहर से कुंडी बंद कर पत्नी को अंदर कैद कर दिया था। पत्नी रात भर अकेली घर में कैद रही। उसने सुबह परिजनों को घटना की जानकारी दी थी। खास बात यह है कि पुलिस वारदात के 24 घंटे बाद तक ऐसी किसी भी तरह की घटना होने से इनकार करती रही।
परिजनों की तहरीर पर पुलिस ने डकैत बबुली कोल व लवलेश कोल के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर अपहृत की तलाश शुरू की थी। डकैत बबुली कोल ने वारदात के दूसरे ही दिन अपहृत के फोन से परिजनों को फोन करके 50 लाख की फिरौती मांगी थी। इसके बाद डकैत गिरोह लगातार फिरौती की रकम कम करता गया।
सूत्रों की मानें तो सोमवार को डकैत गिरोह ने पांच लाख की फिरौती अदा करने के बाद ही अपहृत को छोड़ने की बात कही थी। एसपी मनोज कुमार झा बीहड़ में पांच टीमों के साथ अपहृत को सकुशल मुक्त कराने का दावा कराते हुए डकैतों की तलाश में कांबिंग करते रहे। इधर अपहृत को मुक्त कराने के प्रयास में परिजन भी लगे रहे।
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परिजनों से डकैत गिरोह ने फिरौती के तौर पर करीब पांच लाख की रकम मिलने के बाद अपहृत को सोमवार की आधी रात को करौंहा के जंगल में रिहा कर दिया। कुछ ही घंटों में अपहृत बृजमोहन पांडेय रात करीब दो बजे अपने गांव बगदरी परिजनों के बीच पहुंचा। उसके पहुंचते ही परिजनों में खुशी की लहर दौड़ गई।
मंगलवार सुबह जैसे ही अपहृत के सकुशल मुक्त होकर घर पहुंचने की जानकारी पुलिस को मिली तो एसओ मानिकपुर केपी दुबे पुलिस फोर्स के साथ बगदरी पहुंच गये। पुलिस अधिकारी अपहृत से पूछताछ में जुट गए। इधर सकुशल खोवा व्यापारी को देखकर उसकी पत्नी गजरानी और बच्चों के चहेरे खिल गये।
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