Saturday - 25 October 2025 - 3:50 PM

संभल में लौटी आस्था की रोशनी: कल्कि नगरी में शुरू हुई 24 कोसी परिक्रमा

जुबिली न्यूज डेस्क

संभल। उत्तर प्रदेश के संभल जिले में इतिहास एक बार फिर करवट ले रहा है। जहां कभी दंगों, पलायन और अवैध कब्जों की छाया थी, वहीं अब आस्था, अध्यात्म और सुरक्षा का नया सूर्योदय दिख रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में संभल एक बार फिर अपनी पौराणिक पहचान भगवान कल्कि की नगरी के रूप में जगमगा उठा है।

शुक्रवार देर रात 2 बजे 68 तीर्थों और 19 कूपों की 24 कोसी परिक्रमा का शुभारंभ प्राचीन तीर्थ बेनीपुरचक स्थित श्रीवंशगोपाल मंदिर से हुआ। लाखों श्रद्धालुओं की मौजूदगी में आरती, भजन और जयघोष के बीच परिक्रमा प्रारंभ हुई।

तीर्थ यात्रा का मार्ग

यह परिक्रमा श्रीवंशगोपाल तीर्थ से प्रारंभ होकर भुवनेश्वर, क्षेमनाथ और चंदेश्वर तीर्थों से होती हुई पुनः श्रीवंशगोपाल तीर्थ पर समाप्त होगी। इन तीन प्रमुख तीर्थों के मध्य 87 देवतीर्थ स्थित हैं, जो संभल की समृद्ध आध्यात्मिक विरासत का प्रतीक हैं।

2017 के बाद बदला संभल का परिदृश्य

1978 के दंगों के बाद संभल में भय और पलायन का माहौल बन गया था। हिंदू परिवारों ने अपने घर, दुकानें और जमीनें छोड़ दी थीं, मंदिरों पर कब्जे हो गए थे और धार्मिक आयोजनों पर रोक लग गई थी।
लेकिन 2017 में योगी आदित्यनाथ के सत्ता में आने के बाद संभल की तस्वीर बदल गई। मुख्यमंत्री ने व्यक्तिगत रूप से जिले की स्थिति पर ध्यान दिया और न्यायिक आयोग की रिपोर्ट के आधार पर वर्षों से दबे मामलों में कार्रवाई कराई।

सांप्रदायिक तनाव फैलाने वालों और दंगों की साजिश में शामिल तत्वों को जेल भेजा गया। अवैध कब्जों को हटाने और धार्मिक स्थलों की पुनर्स्थापना के लिए बड़े स्तर पर अभियान चलाए गए।

अवैध कब्जों से मुक्ति और धार्मिक धरोहरों का पुनरुद्धार

योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता 2006 की धारा 67 के तहत 495 मुकदमे दर्ज किए। इनमें से 243 मामलों में निस्तारण कर 1067 अतिक्रमण हटाए गए, और 68.94 हेक्टेयर भूमि कब्जामुक्त कराई गई।
विशेष अभियान के तहत धार्मिक स्थलों पर हुए 37 अवैध कब्जों को हटाया गया — जिनमें 16 मस्जिदें, 12 मजारें, 7 कब्रिस्तान और 2 मदरसे शामिल थे। कुल 2.623 हेक्टेयर भूमि मुक्त हुई।

वहीं, 68 पौराणिक तीर्थस्थलों और 19 प्राचीन कूपों के संरक्षण और सौंदर्यीकरण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। कल्कि अवतार मंदिर समेत कई प्राचीन मंदिरों का पुनरुद्धार कार्य प्रगति पर है।

कानून व्यवस्था और विकास में नई मजबूती

संभल में अब कानून का इकबाल मजबूत हुआ है। बीते वर्षों में जिले में 2 नए थाने और 45 नई चौकियां स्थापित की गई हैं। संवेदनशील इलाकों में सीसीटीवी निगरानी और ड्रोन सर्वे की व्यवस्था की गई है।

बिजली चोरी रोकने के लिए चलाए गए अभियानों से लाइन लॉस 82% से घटकर 18% पर आ गया है, जिससे करीब ₹84 करोड़ की बचत हुई।

आर्थिक रूप से भी संभल ने लंबी छलांग लगाई है — ₹2405 करोड़ के निर्यात के साथ यह अब प्रदेश में 10वें स्थान पर है।
वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रोडक्ट (ODOP)’ योजना के तहत संभल के मेटैलिक, वुडन और हैंडीक्राफ्ट उत्पादों ने अंतरराष्ट्रीय बाजार में पहचान बनाई है।

आस्था और विकास का संगम

संभल में चल रही 24 कोसी परिक्रमा न केवल धार्मिक उत्सव है, बल्कि जिले की सांस्कृतिक पुनर्जागरण यात्रा का प्रतीक बन चुकी है। वर्षों बाद यहां फिर से शंख, घंटा और हरि-नाम की ध्वनि गूंज रही है।

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