जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
नई दिल्ली. रूस और यूक्रेन के बीच छिड़ी जंग का असर भारतीयों की रसोई पर भी असर डालने वाला है. पहली मार्च से एलपीजी सिलेंडर की कीमतें बढ़ सकती हैं. पेट्रोलियम कम्पनियों की पहली मार्च को एलपीजी के दाम तय करने को लेकर बैठक होनी है.
रूस और यूक्रेन की जंग की वजह से अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में कच्चे तेल और गैस के दामों में उछाल आया है लेकिन भारत के पांच राज्यों में चल रहे विधानसभा चुनाव की वजह से लोगों में इस बात को लेकर सुकून था कि 10 मार्च को आने वाले चुनाव नतीजों तक तेल और गैस के दामों में कोई बदलाव नहीं होगा लेकिन पहली मार्च को पेट्रोलियम कम्पनियों की बैठक की वजह से यह कयास लगने शुरू हो गए हैं कि भले ही अभी पेट्रोल और डीज़ल के दामों में बदलाव न किया जाये लेकिन गैस सिलेंडर के दाम बढ़ाये जा सकते हैं.

युद्ध की वजह से अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में कच्चे तेल के दामों में आये उछल के बाद तेल की कीमतें 101 डालर प्रति बैरल हो गए हैं. अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में दाम बढ़ने की वजह से भारत समेत दुनिया के कई देशों में महंगाई की आग भड़केगी.
पिछले कई महीनों से पेट्रोल-डीज़ल और एलपीजी सिलेंडर के दाम नहीं बढ़ाए गए हैं. युद्ध की वजह से कच्चे तेल और गैस के दामों में तेज़ी से बढ़ोत्तरी होगी और इसका असर भारत समेत दुनिया के तमाम देशों पर पड़ेगा. पहली मार्च को पेट्रोलियम कंपनियां अपनी मासिक बैठक करने जा रही हैं. इस बैठक में यह तय हो जायेगा कि अगले एक महीने तक गैस के क्या दाम रहने वाले हैं.
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