Saturday - 25 October 2025 - 6:55 PM

“कपड़ों का किला” डगमगाया! सुप्रीम कोर्ट के आदेश से चांदनी चौक के व्यापारियों में हड़कंप

जुबिली न्यूज डेस्क 

दिल्ली के ऐतिहासिक और देश के सबसे बड़े कपड़ा थोक बाजार चांदनी चौक के सैकड़ों दुकानदार इन दिनों भारी चिंता में हैं। सुप्रीम कोर्ट के एक हालिया आदेश के बाद इन दुकानों पर फिर से सीलिंग की तलवार लटक गई है। अब तक 20 से ज्यादा दुकानों को एमसीडी (MCD) ने सील कर दिया है, जबकि बाकी व्यापारी कानूनी और प्रशासनिक राहत के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने दी 31 दिसंबर तक की मोहलत

22 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि जिन दुकानों पर निचली अदालतों से मिले स्टे ऑर्डर की वजह से सीलिंग कार्रवाई रुकी हुई थी, वह राहत सिर्फ 31 दिसंबर 2025 तक ही मान्य रहेगी। इस तारीख के बाद अगर अवैध निर्माण या गलत उपयोग के मामलों का समाधान नहीं निकला, तो एमसीडी इन दुकानों को सील करने के लिए स्वतंत्र होगी।

इस आदेश का असर कटरा नील, गली घंटेश्वर और आसपास के इलाकों की सैकड़ों दुकानों पर पड़ा है, जहां दशकों से कपड़ों का व्यापार चल रहा है।

व्यापारियों में बढ़ी बेचैनी

दिल्ली हिंदुस्तानी मर्केंटाइल एसोसिएशन के अध्यक्ष मुकेश सचदेवा ने बताया कि यह मामला बहुत पुराने मकानों और दुकानों से जुड़ा है, जो आज़ादी से पहले से अस्तित्व में हैं। उन्होंने कहा कि व्यापारी लगातार हाउस टैक्स, कन्वर्जन चार्ज, बिजली-पानी के बिल जैसी सभी देनदारियां भरते आ रहे हैं।

“अब अचानक एमसीडी ने इन्हें डोमेस्टिक प्रॉपर्टी मानना शुरू कर दिया है। नोटिस चिपकाए जा रहे हैं, जबकि हमने कानूनी रूप से सबकुछ जमा किया है। सुप्रीम कोर्ट के नए आदेश के बाद हमारी राहत भी अब 31 दिसंबर तक सीमित रह गई है,” उन्होंने कहा।

एमसीडी की कार्रवाई से मचा हड़कंप

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद एमसीडी की टीमें मैदान में उतर आई हैं। गुरुवार को ही नौ दुकानों को सील किया गया, जिससे व्यापारियों में और डर फैल गया है। दुकानदारों का कहना है कि अगर कार्रवाई इसी तरह बढ़ती रही तो सैकड़ों परिवारों की रोजी-रोटी पर असर पड़ेगा।

व्यापारी नेता भगवान बंसल ने कहा कि सरकार को बाजार का नया सर्वे कराना चाहिए, ताकि यह साफ हो सके कि कौन-सी दुकानें वैध हैं और कौन-सी अवैध। “हम दशकों से कारोबार कर रहे हैं, कन्वर्जन फीस भी जमा की है। अब अचानक यह कार्रवाई समझ से परे है,” उन्होंने कहा।

सुप्रीम कोर्ट ने मांगी एमसीडी से रिपोर्ट

शीर्ष अदालत ने एमसीडी को दो सप्ताह में विस्तृत रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है। इसमें सभी सील की गई और विवादित संपत्तियों का पूरा विवरण देना होगा। अदालत यह भी देखेगी कि एमसीडी ने किन मानकों के तहत सीलिंग की कार्रवाई की है।

व्यापारी राहत की आस में

व्यापारी अब उम्मीद लगाए बैठे हैं कि दिसंबर से पहले एमसीडी की रिपोर्ट, या फिर सरकार और अदालत के हस्तक्षेप से कोई स्थायी समाधान निकल आएगा। उनका कहना है कि चांदनी चौक दिल्ली की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, और यहां के व्यापार पर संकट आने से हजारों लोगों की जीविका प्रभावित होगी।

फिलहाल, कटरा नील और गली घंटेश्वर के व्यापारियों की निगाहें सुप्रीम कोर्ट की अगली सुनवाई पर टिकी हैं — यह तय करेगा कि साल के अंत में बाजार खुले रहेंगे या ताले पड़ेंगे।

Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com