जुबिली न्यूज डेस्क
केंद्रीय कैबिनेट आज महत्वपूर्ण बैठक करने जा रही है, जिसमें मंरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) का नाम बदलने पर फैसला लिया जा सकता है। चर्चा है कि योजना का नया नाम ‘पूज्य बापू ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना’ रखा जा सकता है।

मनरेगा योजना की शुरुआत साल 2005 में तत्कालीन मनमोहन सरकार के दौर में हुई थी। शुरू में इसे नेशनल रूरल एम्प्लॉयमेंट गारंटी एक्ट (NREGA) कहा जाता था, बाद में इसे महात्मा गांधी नेशनल रूरल एम्प्लॉयमेंट गारंटी एक्ट (MGNREGA) नाम दिया गया।
यह योजना भारतीय श्रमिक कानून और सामाजिक सुरक्षा का महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को काम करने का अधिकार सुनिश्चित करना है। 2005 से अब तक इस योजना में 15.4 करोड़ लोग सक्रिय रूप से रोजगार प्राप्त कर चुके हैं।
मुख्य बिंदु:
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मनरेगा के तहत ग्रामीण परिवारों को साल में 100 दिन रोजगार प्रदान किया जाता है।
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यह योजना ग्रामीण विकास मंत्रालय के अंतर्गत संचालित होती है और ग्रामीण आजीविका व आर्थिक स्थिरता का प्रमुख माध्यम है।
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अब इसके नाम को बदलने की तैयारी है और कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव पर मुहर लग सकती है।
कैबिनेट में अन्य प्रस्ताव:
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पूज्य बापू ग्रामीण रोजगार गारंटी बिल 2025: MGNREGA का नाम बदलने का प्रस्ताव।
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न्यूक्लियर एनर्जी बिल: परमाणु ऊर्जा के सुरक्षित और प्रभावी विस्तार को बढ़ावा देने के लिए।
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विकसित भारत शिक्षा अधिष्ठान बिल 2025: शिक्षा क्षेत्र में बड़े सुधारों को लागू करने और विकसित भारत के विज़न से जोड़ने के लिए।
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