जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
लखनऊ. पुराने लखनऊ के मुसाहबगंज इलाके में आवारा कुत्तों के हमले में पांच साल के बच्चे मोहम्मद रज़ा की मौत और उसकी बहन जन्नत फातिमा के गंभीर रूप से घायल होने के मामले को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने खुद संज्ञान में लिया है. हाईकोर्ट ने लखनऊ के डीएम और नगर आयुक्त का जवाब तलब किया है.
हाईकोर्ट ने लखनऊ के सीएमओ को ट्रामा सेंटर में भर्ती बच्ची जन्नत के फ्री इलाज का निर्देश दिया है जबकि किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के कुलपति से कहा है कि वह अपनी देखरेख में बच्ची का इलाज कराएं.

इसके साथ ही हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से यह पूछा है कि क्या मृत बच्चे के परिवार की आर्थिक सहायता का नियम हा या नहीं. जस्टिस देवेन्द्र उपाध्याय और जस्टिस सुभाष विद्यार्थी की पीठ ने मीडिया की खबरों का संज्ञान लेते हुए सरकार को नोटिस जारी किया.
उल्लेखनीय है कि बुद्धवार को ठाकुरगंज थाना क्षेत्र में मुसाहबगंज स्थित हैदरी इमामबाड़े के पास खेल रहे बच्चो पर आवारा कुत्तों के झुण्ड ने हमला कर दिया था. कुत्तों ने सगे भाई-बहन मोहम्मद रज़ा और जन्नत फातिमा को बुरी तरह से नोच डाला था. स्थानीय लोग दोनों घायल बच्चो को कुत्तों से छुड़ाकर ट्रामा सेंटर ले गए थे जहाँ पर मोहम्मद रज़ा की मौत हो गई जबकि जन्नत की हालत गंभीर बनी हुई है.
दिल दहला देने वाली इस घटना से पुराने लखनऊ के लोग भी आक्रोशित हो गए थे. मोहम्मद रज़ा की मौत के बाद लोग उसका शव लेकर ठाकुरगंज थाने पहुँच गए और सड़क पर शव रखकर सड़क जाम कर दी. लोगों का कहना है कि नगर निगम से कई बार की शिकायतों के बावजूद आवारा कुत्तों से निजात नहीं दिलाई गई.
हाईकोर्ट ने इस बड़ी घटना को खुद संज्ञान लिया है. डीएम, नगर आयुक्त, सीएमओ, केजीएमयू के कुलपति और उत्तर प्रदेश सरकार को ज़रूरी निर्देश दिए गए हैं. इस मामले में 19 अप्रैल को हाईकोर्ट में फिर सुनवाई होगी.
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