जुबिली न्यूज डेस्क
रविवार को साल का दूसरा और अंतिम चंद्रग्रहण लगने जा रहा है। हिंदू धर्म और ज्योतिष की दृष्टि से यह ग्रहण बेहद खास माना जा रहा है, क्योंकि इस दिन पितृ पक्ष का संयोग भी बन रहा है। इतना ही नहीं, यह ग्रहण ‘ब्लड मून’ के रूप में दिखाई देगा, जो एक दुर्लभ खगोलीय घटना मानी जाती है।
कब लगेगा और कितनी देर चलेगा ग्रहण?
खगोलविदों के अनुसार चंद्रग्रहण की शुरुआत रात 9:58 बजे होगी और यह 8 सितंबर को रात 1:26 बजे तक चलेगा। यानी ग्रहण की कुल अवधि लगभग साढ़े तीन घंटे की होगी। इस दौरान ग्रहण का चरम समय रात 11:42 बजे रहेगा।
हिंदू पंचांग के मुताबिक, ग्रहण से नौ घंटे पहले सूतक काल शुरू हो जाएगा। यानी इस दिन दोपहर 12:57 बजे से सूतक काल प्रभावी होगा और ग्रहण खत्म होने तक रहेगा।
कुंभ राशि में लगेगा ग्रहण
इस बार का चंद्रग्रहण कुंभ राशि में लग रहा है। ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि इस दौरान शनि का चांदी का पाया भी सक्रिय रहेगा। मान्यता है कि इसका असर जातकों के जीवन पर गहरा पड़ सकता है।
किन राशियों पर पड़ेगा असर?
कर्क राशि – इस राशि के जातकों को आने वाले दिनों में आर्थिक लाभ मिल सकता है। सेहत बेहतर रहेगी और नौकरीपेशा लोगों को मनचाहा ट्रांसफर मिल सकता है।
वृश्चिक राशि – पद और प्रतिष्ठा की प्राप्ति होगी। नौकरी में प्रमोशन की संभावना है। व्यापारी जातकों को साझेदारी से लाभ होगा।
कुंभ राशि – इस राशि वालों के लिए सावधानी बरतने का समय है। नौकरी बदलने या बड़े निवेश से फिलहाल बचें। स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी हो सकती हैं।
क्या है ब्लड मून?
जब पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा एक सीध में आ जाते हैं तो पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ती है। इस दौरान सूर्य की किरणों में मौजूद लाल रंग वायुमंडल से गुजरकर चंद्रमा तक पहुंचता है, जिससे चंद्रमा लालिमा लिए दिखाई देता है। इसी कारण इसे ‘ब्लड मून’ कहा जाता है।
कहां दिखेगा और कहां नहीं?
यह चंद्रग्रहण भारत सहित पूरे एशिया, ऑस्ट्रेलिया, पूर्वी अफ्रीका और यूरोप में साफ दिखाई देगा। हालांकि अमेरिका और कनाडा में यह नहीं देखा जा सकेगा, क्योंकि वहां उस समय दिन होगा।
बिना चश्मे देख सकते हैं चंद्रग्रहण
खगोलविदों के अनुसार, सूर्य ग्रहण की तरह चंद्रग्रहण देखने के लिए किसी खास चश्मे या उपकरण की जरूरत नहीं होती। लोग इसे नंगी आंखों से भी सुरक्षित रूप से देख सकते हैं। हालांकि, दूरबीन या टेलीस्कोप से नजारा और भी शानदार दिखेगा।
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धार्मिक मान्यताएं भी जुड़ीं
भारतीय ज्योतिष शास्त्र में चंद्रग्रहण को धार्मिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण माना गया है। ग्रहण के समय मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाते हैं और लोग पूजा-पाठ के नियमों का पालन करते हैं। ग्रहण खत्म होने के बाद स्नान और दान करने की परंपरा भी है।