
संजय सनातन
लखनऊ : सूबे की राजधानी लखनऊ से सटे बाराबंकी जिले में जहरीली शराब पीने से दस लोगों के मरने और 15 लोगों के अस्पताल में भर्ती होने से पूरे जिले में मातम छाया हुआ है। जनपद के हर व्यक्ति की जुबान पर यही बात है कि क्या मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंत्रिमंडल का कोई एक भी मंत्री मृतकों की अर्थी को कंधा देने पहुंचेगा। क्या भारतीय जनता पार्टी की सरकार देश में बनने के बाद यूपी में योगी सरकार के मंत्री एवं भाजपा के नेता संवेदनशून्य से हो गये हैं।
दो दिन पूर्व अमेठी में मृतक को कंधा देने पहुंची थी स्मृति ईरानी
अमेठी जनपद में अभी दो दिन पूर्व ही पूर्व प्रधान सुरेन्द्र सिंह की हत्या के बाद उनकी अर्थी को कंधा देने पूर्व कैबिनेट मंत्री एवं अमेठी की सांसद स्मृति ईरानी पहुंचीं थी। यह खबर पूरे देश में चर्चा का विषय बनी रही। इससे भाजपा कार्यकर्ताओं का हौसला भी खूब बड़ा। अमेठी मामले में पुलिस ने तत्काल आरोपियों को गिरफ्तार भी कर लिया।
अभी और बढ़ सकती है मृतकों की संख्या
बाराबंकी जनपद के रामनगर थानाक्षेत्र के रानीगंज में देशी शराब पीने से दस लोगों की मौत हो गई। गंभीर हालत में जिंदगी मौत से संघर्ष कर रहे 15 अन्य लोगों में कुछ अन्य भी काल के गाल में समा सकते हैं। हालांकि अभी तक प्रशासन ने इसकी पुष्टि नहीं की है। लेकिन स्थानीय लोगों का कहना है कि अस्पताल में भर्ती अन्य गंभीर लोगों की तबियत बहुत ठीक नहीं है। तीन लोगों को लखनऊ ट्रॉमा सेंटर रेफर किया गया है।
सरकार पर ऊंगली उठा रहे लोग
उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से बाराबंकी की घटना में मरे 10 लोगों के परिजनों को दो-दो लाख रूपये की सहायता राशि देने की घोषणा की गई है। इस बात को लेकर भी स्थानीय लोग सरकार पर ऊंगली उठा रहे हैं। लोगों का कहना है कि सरकार बहुत ही उदासीनता बरत रही है। यह बहुत ही बड़ी जनछति है।
प्रतिवर्ष जहरीली शराब से क्यों मरते हैं लोग
राजधानी लखनऊ से एकदम संटे बाराबंकी में जहरीली शराब पीकर मरने वाले 10 व गंभीर हालात में भर्ती अन्य लोगों का मामला कोई नया नहीं है। इस जनपद में हर-साल कोई न कोई घटना जहरीली शराब की होती है जिसमें लोग मरते हैं। पिछले तीन चार-वर्ष से लगातार ऐसा होता आ रहा है। इसमें आबकारी विभाग कोई ठोस कदम नहीं उठा पाता है।
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