जुबिली न्यूज डेस्क
सुप्रीम कोर्ट ने वोडाफोन आइडिया, भारती एयरटेल, टाटा टेली सर्विसेज और भारती Hexacom जैसी बड़ी टेलिकॉम कंपनियों को बड़ा झटका देते हुए AGR (Adjusted Gross Revenue) से जुड़े ब्याज और पेनाल्टी माफ करने की याचिका को खारिज कर दिया है।

सुप्रीम कोर्ट का स्पष्ट संदेश: “अब कोई राहत नहीं”
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सुनवाई के दौरान साफ कर दिया कि वह AGR की मूल राशि, ब्याज और जुर्माने में किसी तरह की राहत देने को तैयार नहीं है। अदालत ने स्पष्ट रूप से कहा कि वह इस याचिका पर सुनवाई भी नहीं करेगी।
किन कंपनियों ने याचिका दायर की थी?
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वोडाफोन आइडिया
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भारती एयरटेल
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भारती Hexacom
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टाटा टेली सर्विसेज
इन सभी कंपनियों ने AGR बकाया पर लगने वाले ब्याज, पेनाल्टी और ब्याज पर ब्याज को माफ करने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था।
पहले DOT (दूरसंचार विभाग) ने भी किया था इनकार
वोडाफोन आइडिया ने पहले दूरसंचार विभाग (DoT) से भी राहत की गुहार लगाई थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के 2020 के फैसले का हवाला देते हुए DoT ने किसी भी तरह की राहत देने से मना कर दिया। इसके बाद कंपनियों ने फिर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।
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क्या है AGR विवाद?
AGR (Adjusted Gross Revenue) वह राजस्व है जिस पर टेलिकॉम कंपनियों को लाइसेंस फीस और स्पेक्ट्रम यूसेज चार्ज देने होते हैं। सालों से चली आ रही कानूनी लड़ाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने अक्टूबर 2019 में फैसला दिया कि टेलिकॉम कंपनियों को AGR की पूरी राशि चुकानी होगी, जिसमें ब्याज, जुर्माना और उस पर भी ब्याज शामिल है।
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