डा. रवीन्द्र अरजरिया सामाजिक परिवेश में मानवीयता के साथ स्थापित मूल्यों का संरक्षण करना नितांत आवश्यक होता है। लैंगिक विभेद के आधार पर पक्षपात की परंपराओं का सिलसिला समाज के चन्द ठेकेदारों की कलुषित मानसिकता का प्रतीक बनकर उभरा, तो देश में मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक और हलाला जैसी …
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