जुबिली न्यूज डेस्क सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एक ऐतिहासिक टिप्पणी करते हुए कहा कि “भारत कोई धर्मशाला नहीं है, जहां किसी को भी रहने दिया जाए।” यह टिप्पणी अदालत ने श्रीलंका से भारत आए एक पूर्व एलटीटीई (लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम) सदस्य की याचिका खारिज करते हुए की। …
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