कलमकार को जब भी उसकी संवेदनाएं झकझोरती हैं वह कलम उठा लेता है. उन्हीं संवेदनाओं को अल्फ़ाज़ की शक्ल में परोस देता है. यह शक्ल कभी कविता की होती है कभी ग़ज़ल की और कभी नज़्म की. जुबिली पोस्ट ऐसे रचनाकारों की रचनाएं आपको नियमित रूप से प्रस्तुत करता रहता …
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