जुबिली न्यूज डेस्क
नई दिल्ली | लद्दाख के प्रसिद्ध पर्यावरणविद् और सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई अगले सोमवार को तय की है।

यह आदेश जस्टिस अरविंद कुमार और जस्टिस एन.वी. अंजनैया की बेंच ने दिया। अदालत ने सरकार से पूछा कि सोनम वांगचुक की पत्नी को हिरासत आदेश की प्रति (Detention Order) अब तक क्यों नहीं दी गई।
पत्नी गीतांजलि की याचिका
सोनम वांगचुक की पत्नी गीतांजलि वांगचुक ने सुप्रीम कोर्ट में हैबियस कॉरपस याचिका दायर की है। उन्होंने अपने पति की गिरफ्तारी को गैरकानूनी बताया है और उनकी तुरंत रिहाई की मांग की है।
गीतांजलि का आरोप है कि उनके पति को बिना उचित कारण और बिना कोई लिखित सूचना दिए गिरफ्तार किया गया। उनका कहना है कि लद्दाख में हिंसक प्रदर्शन भड़काने का आरोप झूठा है।
सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सरकार से पूछा,“सोनम वांगचुक की पत्नी को हिरासत आदेश क्यों नहीं दिया गया? गिरफ्तारी का कारण जानना उनका अधिकार है।”
सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि आदेश देने से पत्नी को नया आधार मिल जाएगा, जिससे वह गिरफ्तारी को चुनौती दे सकती हैं।इस पर कोर्ट ने कहा —“बेवजह मामले को सनसनीखेज न बनाया जाए। पत्नी को पति से मिलने की अनुमति है, और उन्हें हिरासत का कारण बताया जाना चाहिए।”
सिब्बल का तर्क
गीतांजलि की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि जब तक हिरासत के कारण नहीं दिए जाएंगे, तब तक याचिका में चुनौती कैसे दी जा सकती है?“बिना आधार जाने हम आदेश को कैसे चुनौती देंगे? हमें तुरंत जानकारी दी जानी चाहिए।”
इस पर कोर्ट ने कहा कि उनकी आपत्ति को रिकॉर्ड पर रखा जा रहा है और अगली सुनवाई में सरकार को सभी दस्तावेज़ प्रस्तुत करने होंगे।
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क्या है मामला
सोनम वांगचुक पर लद्दाख में प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़काने का आरोप है। पुलिस ने उन्हें कुछ दिन पहले हिरासत में लिया था। उनके समर्थन में कई सामाजिक संगठनों ने शांतिपूर्ण धरना-प्रदर्शन शुरू किया है और उनकी रिहाई की मांग की है।
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