सैय्यद मोहम्मद अब्बास
सपा सरंक्षक मुलायम सिंह यादव आज मैनपुरी में अपना नामांकन कराने अपने पूरे कुनबे के साथ पहुंचे। उनके साथ कदम से कदम मिलाकर अखिलेश चल रहे थे तो पीछे सपा कार्यकर्ताओं का हूजुम लेकिन सबकी निगाहे सिर्फ एक शख्स को खोज रही थी वह थे उनके छोटे भाई शिवपाल यादव। चंद महीने पहले तक सार्वजनिक जगहों पर मुलायम के दाहिने हाथ रहे शिवपाल आज नदारद थे जिसकी वजह से चर्चाओं का बाजार गर्म है। ऐसे कयास लगाये जा रहे थे कि मुलायम के नामांकन के वक्त शिवपाल जरूर मौजूद रहेंगे लेकिन आज उनकी गैर मौजूदगी ने साफ कर दिया है कि इनकी राहे अलग हो चुकी है।
समाजवादी पार्टी के संरक्षक आदरणीय श्री मुलायम सिंह यादव जी का मैनपुरी लोकसभा क्षेत्र से नामांकन कराने के लिए साथ जाते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव जी। pic.twitter.com/P5ISa3niZ0
— Samajwadi Party (@samajwadiparty) April 1, 2019
मुलायम की खातिर शिवपाल ने टाला था अपना नामांकन
वक्त और हालात अब बदल चुके हैं। जिस पार्टी को बनाने के लिए शिवपाल यादव अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी आज वह उससे अलग है लेकिन अब भी उन्हें अपने भाई मुलायम की चिंता है। उन्होंने फिरोजाबाद सीट से नामांकन भरने की डेट मुुलायम के नामांकन से टकरा गई थी तो उन्होंने अपना नामांकन टाल दिया था।

शिवपाल चाहकर भी मुलायम के साथ नहीं जा सके
शिवपाल अपने भाई को इतना चाहते हैैं कि वह उनसे अलग होकर भी उनका साथ देने की बात कर रहे हैं। मुलायम सिंह सोमवार को इटावा आवास से नामांकन के लिए मैनपुरी निकालने वाले थे कि तब तक उनके दरवाजे पर उनके भाई शिवपाल ने दस्तक दे दी। सब ये समझ रहे थे मुलायम के साथ शिवपाल यादव भी नामांकन के लिए मौजूद रहेंगे लेकिन हुआ इसके उलट। दरअसल मुलायम के साथ भले ही शिवपाल का न जाना मजबूरी हो लेकिन उन्होंने अपने भाई के पैर छुकर आर्शीवाद लिया और कामना कि नेताजी एक बार फिर चुनावी अखाड़े में जीत का डंका बजायेंगे।

शिवपाल यादव तो अपने भाई के साथ जाना चाहते थे। इसपर शिवपाल ने कल अपना दर्द बयां किया था और कहा था कि नेताजी को हम शुभकामनाएं व बधाई देते हैं। हम नेताजी की मदद करेंगे, उनको जितायेंगे। इसके साथ उन्होंने यह भी कहा था कि नामांकन के वक्त वह नहीं होंगे क्योंकि वहां उनके विरोधी होंगे, तो हम नहीं जा सकते हैं।

आंखे ढूंढ रही थी शिवपाल को लेकिन थी मायूसी
मैनपुरी सीट से उम्मीदवार सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के नामांकन के वक्त पूरा सपा का कुनबा मौजूद था लेकिन इस दौरान शिवपाल यादव नजर नहीं आये। यह पहला मौका था जब मुलायम सिंह यादव किसी चुनाव में उतर रहे हो और उनका भाई शिवपाल यादव उनके साथ न हो। मुलायम के करीबी भी इस बात को जानते हैं कि शिवपाल यादव के बगैर मुलायम काफी असहज नजर आते हैं।

शिवपाल यादव को लेकर मुलायम कई बार उनका साथ देते नजर आये हैं लेकिन अखिलेश को ये बात रास नहीं आती है। सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के कार्यक्रम में कई बड़े नेता भी शामिल थे। सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव, प्रोफेसर रामगोपाल यादव और सांसद तेजप्रताप यादव समेत कई और लोग मौजूद थे।
Jubilee Post | जुबिली पोस्ट News & Information Portal
